मुसोलिनी की प्रशंसक जॉर्जिया मेलोनी से क्यों प्रभावित हैं दुनिया के बड़े नेता, क्या है कूटनीतिक ताकत?

इटली के अपुलिया में G7 शिखर सम्मेलन खत्म हो गया. दुनिया के सात बड़े देशों के राष्ट्राध्यक्ष मिले और ज्वलंत मुद्दों पर द्विपक्षीय वार्ता की लेकिन पूरे सम्मेलन के दौरान आत्मविश्वास से दमकता और मुस्कराता चेहरा जिसने सबसे अधिक सुर्खियां बटोरीं, वह चेहरा था- इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी का. अचंभा तो ये कि G7 समिट 2024 के मुद्दे ओझल हो गए जबकि जॉर्जिया मेलोनी की वे तस्वीरें और वीडियो सबसे अधिक वायरल हुए जिसमें वह सदस्यों देशों के राष्ट्राध्यक्षों का गर्मजोशी से वेलकम करती दिखीं या कि उनके साथ सेल्फी बना रही थीं. अमेरिका, ब्रिटेन, जापान के प्रमुख सब एक पल को भूल गए कि ये वही जॉर्जिया मेलोनी है, जिसने कभी दुनिया के सबसे क्रूर तानाशाह बेनिटो मुसोलिनी की राष्ट्रनीति की तारीफ की थी.

G7 के सदस्य देश यानी अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, जापान, जर्मनी और कनाडा आज की तारीख में लोकतांत्रिक देशों के तौर पर दुनिया में मान्य शासन व्यवस्था के लिए जाने जाते हैं. आज के वैश्विक परिवेश में फासीवाद या तानाशाही घोर नकारात्मकता से भरा हुआ शब्द है लेकिन खुद को मुसोलिनी की फैन बताने वाली जॉर्जिया मेलोनी की कूटनीति को दुनिया के बड़े और महान लोकतांत्रिक देशों के राष्ट्रध्याक्षों ने दिल खोलकर अपना समर्थन दिया.जाहिर है यह स्टेटस जॉर्जिया मेलोनी को वैश्विक पटल पर एक बड़ी नेता के रूप में स्वीकृति की मुहर लगाता है.

किशोरावस्था में मुसोलिनी के विचारों से प्रभावित

इटली के पूर्व तानाशाह बेनिटो मुसोलिनी की राजनीतिक ताकत और उसकी शख्सियत से जॉर्जिया मेलोनी किशोरावस्था से ही प्रभावित रही है. मेलोनी ने एक बार कहा था कि तब शायद वह महज 14 साल की रही होगी, जब उसके चचेरे भाई के हाथ में एक किताब दिखी. वह किताब मुसोलिनी के बारे में थी. उसने भी उस किताब को छुप पर पढ़ा था. उसके बाद मुसोलिनी के बारे में उसके विचार वैसे नहीं रहे जैसे कि मुसोलिनी विरोधियों के हो थे.

मुसोलिनी को बताया था इटली का महान

आगे चलकर राजनीति में पूरी तरह से सक्रिय होने के बाद जॉर्जिया मेलोनी ने साल 2016 में एक साक्षात्कार में खुले शब्दों में कहा था कि मुसोलिनी एक सशक्त लीडर थे. उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में जो कुछ भी किया, वह इटली को महान बनाने के लिए किया था. यानी मुसोलिनी के बारे में मेलोनी ने जो 14 साल की उम्र में अध्ययन किया था, वह कालांतर में भी उसके दिमाग में बैठा रहा.आगे जब उसके भीतर राजनीतिक चेतना जागी तो उसने 1990 में एमएसआई ज्वाइन कर लिया, जोकि इटली में नवफासीवादी विचारधारा के लिए जाना जाता रहा है. इस संगठन की स्थापना सन् 1945 में मुसोलिनी की हत्या के बाद 1946 में हुई थी.

नवफासीवादी संगठन की सदस्य भी बनी

जॉर्जिया मेलोनी के मुसोलिनी की समर्थक होने के कई और भी सबूत पेश किये जाते हैं. सबसे पहले तो एमएसआई को ही देखिए. इसका गठन मुसोलिनी के समर्थकों ने किया था, जिसका मकसद मुसोलिनी की याद में नवफासीवाद की स्थापना था. जॉर्जिया मेलोनी महज 15 साल की उम्र में इस संगठन की सदस्य बनीं. आगे चलकर सन् 2012 में जब अपनी अलग पार्टी बनाई- ब्रदर्स ऑफ इटली तो उसके पार्टनर लग्नाजियो ला रस्सा मुसोलिनी के कट्टर समर्थक थे. रस्सा भी एमएसआई के सक्रिय सदस्य थे.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.