पहले भी अधूरे काम करके छोड़ चुका है चर्चित ठेकेदार

सीमेंट, गिट्टी रेत के बिल बिना जीएसटी के हो रहे पास सरिया-सीमेंट की गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल ठेकेदार ने परिजनों को बनाया सुपरवाइजर घटिया निर्माण पर शिक्षा विभाग क्यों है मौन

राष्ट्र चंडिका न्यूज। नेताजी सुभाषचंद बोस हाईस्कूल सिवनी में जो भवन निर्माण किया जा रहा है वह करोड़ो रूपये का है मगर आश्र्चय होता हैकि इसका निरीक्षण करने ना तो जिला प्रशासन के अधिकारियों ने आना उचित समझा और ना ही जनप्रतिनिधि ने। लोगों का कहना है कि रॅायल कन्स्ट्रक्शन द्वारा उत्कृष्ट विद्यालय में 100-100 बिस्तर के छात्रावास का भी काम लिया गया था लेकिन गुणवत्ता को लेकर उठे सवाल के चलते इन्होंने अधूरा काम छोड़ दिया था, बाद में फिर प्रशासन ने शासकीय स्तर पर काम पूरा कराया है। सूत्र बताते हैं कि नेताजी स्कूल में बन रही बिल्डिंग में जो सरिया का उपयोग किया गया तथा वह किस गेज की थी और किस लैब में इसे टेस्टकराया गया है कोई नहीं जानता। इसी तरह निर्र्माण में किस सीमेंट का उपयोग किया जा रहा है यह भी किसी को नहीं मालूम है। इसमें ठेकेदार शफीक कुरैशी ने अपने परिवार के लोगों को ही सुपर वाइजर बनवाया है जिन्हें ना तो तकनीकी ज्ञान है और ना ही निर्माण संबंधी नियमों का ज्ञान है।

बुढ़ैनाकला के एक शिक्षक ने चर्चा के दौरान बताया कि इस ठेकेदार ने हमारे स्कूल का भी काम किया था और बाद में अधूरा काम करने के बाद एनओसी मांग रहा था। हमने उन्हें एनओसी देने से भी मना किया। इसी तरह शास. उर्दू शाला में भी निर्माण के दौरान अधूरा कार्य छोड़ा गया था, आज तक यहां पर टाइल्स नहीं लगी है। शाला के प्राचार्य इस मामले में आखिर क्यों मौन है? रेत, गिट्टी, सीमेंट से लेकर सरिया तक सारा मटेरियल घटिया स्तर का होने के बाद भी आखिर क्यों जांच नहीं करवाते। यहां तक कि निर्मण स्थल में जाने वाले लोगों को अंदर नहीं जाने दिया जाता। आखिर समय सीमा समाप्त होने के बाद भी जिला कलेक्टर और विधायक दिनेश राय इस गुणवत्ताहीन कार्य के प्रति क्यों मेहरबान है। किसी भी भवन का निर्माण इस उद्देश्य से किया जाता है कि इसमें जो लोग आयेंगे उन्हें यहां पर किसी प्रकार की सैकड़ो वर्षाे तक परेशानी नहीं होनी चाहिए। लेकिन ऐसा लगता है कि यहां पर ठेकेदार ने प्राचार्य से लेकर प्रशासन के अधिकारियों को उपकृत कर रखा है तभी तो सब मौन है। आखिर करोड़ो रूपये के काम में बिना जीएसटी चुकाये बिल क्यों पास किये जा रहे हैं यह भी जांच होनी चाहिए। सीएम हेल्पलाइन का उड़ा रहे माखौल सीएम हेल्पलाईन में स्कूल भवन निर्माण में आवेदक द्वारा लोहे का रीबेंडिग टेस्ट सिवनी पालिटेक्निक कॅलेज में कराये जाने और जबलपुर की निजी लैब में भेजकर टेंसायल स्ट्रेंथ का टेस्ट कराये जाने की मांग की गई थी इसके अलावा सीमेंट का पॅालिटेक्र्रिक कॅलेज में क्यूब टेस्ट कराये जाने की मांग भी की गई थी। लेकिन नेताजी सुभाष बोस स्कूल के प्राचार्य ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि यह पूरा काम राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड के तकनीकी विशेषज्ञो की निगरानी में किया जा रहा है। अत: निर्माण कार्य में प्रयोग होने वाला मटेरियल गुणवत्तापूणर््ा एवं चिन्हित मापदंडो के अनुसार है। जबकि आवेदक ने सीमेंट एवं लोहे की जांच कराने की मांग की थी लेकिन ऐसा नहीं करते हुए सीएम हेल्पलाईन में गलत जानकारी दे दी गई। प्राचार्य के इस जवाब के बाद उनके ऊपर ठेकेदार से मिलीभगत का संदेह होता है।

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