भिंड जिले के फूप कस्बे में नगर पालिका की नल लाइन की दूषित पानी पीने से दो लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं लगभग 80 से अधिक लोगों को उल्टी दस्त और घबराहट की शिकायत आ रही है। बीमार फैलने के बाद भिंड जिला प्रशासन हरकत में आया और पानी के सैंपलों को जांच के लिए भेजा गया था, विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर आरके राजपूत ने बताया कि नई और पुरानी दोनों पाइपलाइन की पानी सप्लाई से लिए गए सैंपलों पीएचई विभाग की जिला जल परीक्षण प्रयोगशाला में 6 सैंपलों के 12 टेस्ट किए गए थे जिनमें से दो सैंपलों का पानी पीने योग्य नहीं पाया गया है।
जांच में नाइट्रेट की मात्रा सामान्य से बहुत अधिक पाई गई है। सामान्य रूप से 45 मिलीग्राम पर लीटर सामान्य रूप से नाइट्रेट तत्व पाया जाता है लेकिन जांच उपरांत 175 मिलीग्राम पाया गया है, साथ ही दूसरी जांच में ई-कोली नाम का बैक्टीरिया पाया गया है जिसके चलते प्रशासन अब दोबारा सैंपल करवा रहा है। नाइट्रेट और बैक्टीरिया फ्री होने के बाद ही पानी को नगर में सप्लाई कराया जाएगा। तब तक अन्य स्रोतों से वार्डों में पानी की आपूर्ति जारी रहेगी।
भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि समाचारों में लगातार बताया जा रहा है कि आरो के पानी के सैंपल जांच में भेजे गए हैं। यह खबर भ्रामक और असत्य है क्योंकि स्थानीय लोग नल जल योजना के तहत डाली गई नई पाइप लाइन को ही आरो की लाइन बोलते हैं। उसी से सैंपल लिए गए थे ना कि किसी घर की आरो मशीन के पानी के सैंपल लिए गए।
श्रीवास्तव ने आगे बताया कि उल्टी दस्त की बीमारी से पूरी तरीके से कस्बे में काबू पा लिया गया है और साथ ही डॉक्टरों की एक टीम को आंगनवाड़ी में तैनात किया गया है। अगर किसी की तबीयत बिगड़ती भी है तो उसे अस्पताल आने की जरूरत नहीं है। उसका वहीं पर इलाज किया जाएगा।
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