बचपन से सन्यासी, किडनी भी फेल… आखिर कौन हैं राधारानी के परम भक्त प्रेमानंद महाराज?

वृंदावन के परम रसिक संत प्रेमानंद महाराज को सोशल मीडिया इस्तेमाल करने वाले युवा से लेकर बुजुर्ग सभी जानते हैं. इन दिनों चाहे रील्स हों या यूट्यूब शॉर्ट्स सभी जगहों पर आपकी फीड में पीले वस्त्र धारण करे संत उपदेश देते हुए दिखाई दे ही जाते हैं, वहीं है प्रेमानंद महाराज. इनका नाम युवाओं के बीच तब फेमस हुआ जब इंडियन क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ उनके पास आशीर्वाद लेने पहुंचे थे. हालांकि इन दिनों प्रेमानंद महाराज अपनी तीखी टिप्पणी को लेकर चर्चा में बने हुए हैं. यह टिप्पणी उन्होंने कथावाचक प्रदीप मिश्रा के राधा रानी पर दिए बयानों के बाद की है.

प्रेमानंद महाराज रोजाना सुबह ब्रह्म मुहूर्त में आज भी गिरीराज गोवर्धन की परिक्रमा करने जाते हैं, इस दौरान हजारों की संख्या में भक्त उनके दर्शन के लिए आ जाते हैं. उनके परिक्रमा मार्ग के कई वीडियोज भी सामने आते रहते हैं. अपने अनोखे अंदाज और भक्ति से वह इतने प्रभावी हो गए हैं कि उनके पास कई बड़े-बड़े लोग हाजिरी लगा चुके हैं. जिसमें सांसद हेमा मालिनी से लेकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल हैं.

कैसा रहा बचपन

प्रेमानंद महाराज खुद अपने संदेशों में अपने घर परिवार की यदा-कदा चर्चा करते हैं, जिसमें वह बताते हैं कि उनके घर का माहौल भक्तिमय था. उनका बचपन का नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे थे. उन्होंने 5वीं से ही गीता का पाठ शुरू कर दिया था और 11 साल की उम्र में ही घर को त्याग कर सन्यासी बनने का निश्चय किया था. वह सन्यासी वेश में वाराणसी चले गए और लंबे वक्त तक वहीं रुके रहे. उनके सन्यास पथ से भक्ति मार्ग पर आने की कथा भी बहुत रोचक है जो कि स्वयं प्रेमानंद जी ही सुनाते हैं.

कैसे आए भक्ति मार्ग में

प्रेमानंद महाराज ने बताते हैं कि उन्हें वाराणसी में एक अज्ञात संत मिले थे जिन्होंने उन्हें भगवान श्री कृष्ण की रासलीला देखने का न्योता दिया था. उन्होंने मना किया तो संत ने उन्हें जाने के लिए मना लिया. करीब 1 महीने तक वह रोजाना रासलीला देखने जाते रहे, इसके बाद उनका मन व्याकुल होने लगा. इसके बाद उन्होंने संत से पूछा कि मैं कैसे लीला को देखूं तब उन्हें वृंदावन आने का न्योता दिया गया. वह वृंदावन आए और हरिवंश संप्रदाय से जुड़े और भक्ति मार्ग पर आगे बढ़े. आज वह राधा रानी के परमभक्तों में से एक हैं.

किडनी फेल, डायलिसिस चालू

प्रेमानंद महाराज बताते हैं कि उनके शरीर की दोनों किडनियां फेल हैं. उनका हर 10-12 दिन में डायलिसिस होता है जो कि बहुत कष्टप्रद प्रक्रिया है. उनके स्वास्थ्य को लेकर भी बहुत सावधानी रखी जाती है.

क्यों हैं चर्चा में

मध्य प्रदेश के सीहोर में कुबेरेश्वर धाम के प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने हाल ही में राधा रानी की शादी और उनके जन्म स्थान को लेकर बयान दिए थे. उनके बयानों से पूरा ब्रज क्षेत्र रोष में है. उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग हो रही है. उनके इन्ही बयानों पर प्रेमानंद महाराज का एक वीडियो आया है जिसमें वह बहुत गुस्से में दिखाई दे रहे हैं और ऐसे कथावाचकों के बहिष्कार की बात कर रहे हैं जो कि भक्तों को बहका रहे हैं. हालांकि इस मामले में पंडित प्रदीप मिश्रा सफाई दे चुके हैं और उन्होंने मंच से कहा है कि प्रेमानंद जी के चरणों की धूल बराबर भी नहीं हैं वे.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.