केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार को मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET-UG के पेपर लीक होने के आरोपों को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि इसका कोई सबूत नहीं है. धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर रहा है और हम उसके फैसले का पालन करेंगे. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी छात्र को नुकसान न हो.
धर्मेंद्र प्रधान ने ये भी कहा कि दोषियों को सजा मिलेगी. पारर्दशिता के साथ कार्रवाई होगी. निषपक्षता के साथ परीक्षा पूरी होगी. शिक्षा मंत्री का ये बयान सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आया है. कोर्ट ने गुरुवार को मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि 23 जून को परीक्षा दोबारा होगी. कोर्ट के मुताबिक, 1563 छात्र फिर से परीक्षा देंगे और सभी के स्कोरबोर्ड रद्द किए जाएंगे.
और क्या बोले धर्मेंद्र प्रधान
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, नीट-यूजी में पेपर लीक का कोई सबूत नहीं है. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) में भ्रष्टाचार के आरोप निराधार हैं. यह एक बहुत विश्वसनीय संस्था है. उन्होंने आगे कहा कि सरकार अपना पक्ष कोर्ट के सामने रखेगी और कोर्ट को जवाब देने के लिए तैयार है. इस खास मुद्दे पर विचार किया जा रहा है और शिक्षाविदों की एक कमेटी बनाई गई है.
सरकार के आदेश से एनटीए का गठन किया गया है और यह देश में 3 प्रमुख परीक्षाएं यानी नीट, जेईई और सीयूईटी आयोजित करता है. शिक्षा मंत्री ने कहा, मैं छात्रों और उनके अभिभावकों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि भारत सरकार और एनटीए उन्हें न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
वहीं, कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा, सरकार स्कैम पर कोई चर्चा नहीं कर रही है. इस मामले में हम CBI जांच की मांग करते हैं. सरकार इस विषय से भाग रही है, वो चर्चा नहीं करना चाहती है. जिस एजेंसी के नेतृत्व में ये स्कैम हुआ, उसी को जांच की जिम्मेदारी दी गई है.
क्या है पूरा मामला?
नीट 2024 की परीक्षा का परिणाम सामने आने के बाद से ही इसमें धांधली के आरोप लग रहे है. छात्रों का आरोप है कि परीक्षा में कई परीक्षार्थियों ने 720 में से 720 अंक प्राप्त किए हैं. इसमें से भी कई छात्रों का सेंटर एक ही जगह पर था. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से नीट-यूजी परीक्षा 5 मई को आयोजित हुई थी.
छात्रों की मांग है कि नीट यूजी की परीक्षा दोबारा होनी चाहिए, तभी सभी के साथ न्याय हो सकता है. जांच के लिए NTA ने जो कमेटी बनाई है, उससे लोगों को कोई उम्मीद नहीं है.
यह भी दावा किया गया कि पूर्ण अंक हासिल करने वाले छात्रों में से कई छात्रों ने इतने उच्च अंक प्राप्त किए क्योंकि उन्होंने फिजिक्स का एक सवाल गलत किया था और उन्हें ग्रेस अंक दिए गए थे. परीक्षा के संचालन में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए अलग-अलग कोर्ट में याचिका भी दायर की गई है. नीट रिजल्ट के बाद कांग्रेस ने सवाल किया था कि एक साथ 67 टॉपर के 720/720 अंक कैसे आए? एक ही सेंटर के 8 बच्चों के 720/720 अंक कैसे आए? हर सवाल 4 नंबर का फिर 718-719 नंबर कैसे आया?
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