चार धाम यात्रा में पहुंचने वाले भक्तों की संख्या ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है.उत्तराखंड में चार धाम यात्रा चल रही है, दुनिया भर के अलग-अलग हिस्सों से यात्रा में शमिल होने के लिए श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. इस वर्ष चारधाम यात्रा 10 मई को शुरू हुई थी और करीब एक महीने में 19 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने चार धाम में दर्शन किए हैं जो कि पिछले साल के मुताबिक करीब 7.21 लाख अधिक हैं. पिछले साल चार धाम यात्रा की शुरुआत 22 अप्रैल 2023 को हुई थी और एक महीने के अंदर 12,35,557 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे.
इस बार दर्शन करने वालों की संख्या बढ़कर 19,56,269 तक पहुंच गई है. चार धाम को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह निरंतर बना हुआ है और दर्शन करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. चार धाम की यात्रा करीब 1670 किलोमीटर के करीब है जिसको पूरा करने में लगभग 12 से 15 दिनों का समय लगता है.
श्रद्धालुओं की मौत का आंकड़ा 100 पार
तेजी के साथ बढ़ती दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की संख्या के साथ-साथ चार धाम यात्रा में मौत का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है. इस वर्ष यह आंकड़ा 100 के पार जा चुका है. यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार केदारनाथ धाम में 49, बदरीनाथ धाम में 22, यमुनोत्री धाम में 22 और गंगोत्री धाम में 7 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी हैं. ये सभी मौतें दिल का दौरा पड़ने की वजह से हुई हैं.
चार धाम यात्रा में शामिल प्रमुख स्थल
उत्तराखंड में श्रद्धालु जिन धार्मिक स्थलों का दौरा करते हैं, उनमें से सबसे प्रमुख चार धाम यात्रा है. इस तीर्थयात्रा में हिमालय की ऊंचाई पर स्थित चार पवित्र स्थल – यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ शामिल हैं. हिंदी में, ‘चर’ का अर्थ है चार और ‘धाम’ का अर्थ धार्मिक स्थलों से है.
कब खत्म होगी चार धाम यात्रा?
गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर के लिए यात्रा अक्षय तृतीया से शुरू होती है. केदारनाथ यात्रा की तिथि शिवरात्रि पर और बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खुलने की तिथि बसंत पंचमी के दिन तय होती है. चारधाम यात्रा अप्रैल-मई में शुरू होती है और हर साल अक्टूबर-नवंबर में बंद हो जाती है.
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