शशि थरूर नहीं लड़ेंगे अगला लोकसभा चुनाव! राहुल गांधी पर कही ये बड़ी बात

केरल की तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर को 16,077 वोटों से हराकर लगातार चौथी जीत दर्ज की है. लोकसभा चुनाव में जीत के बाद थरूर का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने शुक्रवार को पीटीआई से विशेष बातचीत में कहा कि अगर अगले लोकसभा चुनाव पांच साल बाद होते हैं, तो वह खुद को निचले सदन के लिए एक और चुनाव लड़ते हुए नहीं देखते हैं, क्योंकि उनका मानना ​​है कि युवा पीढ़ी को आगे आने के लिए हमें कब पीछे हटना चाहिए, यह जानना जरूरी है.

यह पूछे जाने पर कि क्या यह चुनाव उनकी चुनावी राजनीति का अंतिम चुनाव है? थरूर ने कहा कि चुनावी राजनीति नहीं, बल्कि निश्चित रूप से लोकसभा. मुझे लगता है कि मैंने अपना काम कर दिया है और मुझे ईमानदारी से लगता है कि किसी समय हमें यह जानना होगा कि युवा पीढ़ी को आगे आने के लिए कब पीछे हटना चाहिए.

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लोकसभा निश्चित रूप से एक बहुत ही महत्वपूर्ण संस्था है. मैंने अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है और मैं ऐसा करना जारी रखूंगा, लेकिन सार्वजनिक जीवन में सेवा करने के ऐसे तरीके हैं, जिनके बिना ऐसा करना जरूरी नहीं है. मुझे लगता है कि अगर चुनाव पांच साल बाद होने हैं, तो मैं खुद को उस स्थिति में नहीं देखता, जहां मैं लोकसभा में फिर से जाना चाहता हूं.

थरूर ने कहा कि लेकिन अभी, सेवा करने के लिए पांच साल हैं और वह उस दौरान अपने द्वारा प्रतिनिधित्व किए जाने वाले लोगों के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं.

नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी लें राहुल गांधी

शशि थरूर ने राहुल गांधी को लोकसभा चुनावों में “मैन ऑफ द मैच” बताया और कहा कि यह उचित ही होगा कि वह सदन में विपक्ष के नेता की जिम्मेदारी संभालें. थरूर ने कहा कि जनादेश का संदेश यह है कि मतदाताओं ने भाजपा के “अति अहंकार” का जवाब दिया है.

एनडीए की आगामी गठबंधन सरकार के बारे में थरूर ने कहा कि यह नरेंद्र मोदी और अमित शाह के लिए एक चुनौती होगी, जिन्हें अपनी सरकार चलाने में बहुत अधिक सलाह-मशविरा करने की आदत नहीं है और मुझे लगता है कि यह उनके कामकाज के तरीके को बदलने और सरकार के भीतर और विपक्ष के साथ अधिक मिलनसार और अधिक समझौता करने की उनकी क्षमता का परीक्षण करने वाला है.

एनडीए की सरकार होगी ‘मजबूर सरकार’

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस बार मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार कुछ मुद्दों पर ‘मजबूर सरकार’ साबित हो सकती है, क्योंकि एनडीए में शामिल दलों को हर बात पर सहमत होना पड़ेगा.

उन्होंने कहा कि अग्निवीर योजना पर एक पार्टी द्वारा पहले ही सवाल उठाए जा रहे हैं, जिसमें कहा गया है कि इसकी समीक्षा की जानी चाहिए और दूसरी पार्टी जेडी(यू) और चिराग पासवान ने भी इसका समर्थन किया है. आंध्र प्रदेश और बिहार दोनों में ऐसे नेता हैं जिन्होंने अपने राज्यों के लिए विशेष श्रेणी का दर्जा मांगा है, जिसे देने से बीजेपी सरकार ने अब तक इनकार कर दिया है, इस पर फिर से विचार करना होगा.

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