पीएम मोदी के नेतृत्व में एनडीए एक बार फिर केंद्र में सरकार बनाने जा रही है. उससे पहले दिल्ली में शुक्रवार को एनडीए संसदीय दल की बैठक हुई. इस दौरान एक बार फिर पीएम मोदी का अनोखा अंदाज देखने को मिला है. प्रधानमंत्री मोदी यहां संविधान के आगे नतमस्तक हुए तो सभी साथी सांसद उनको देखते रह गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के सेंट्रल हॉल में संविधान के आगे ना केवल नतमस्तक हुए बल्कि उसे उठा कर माथे से भी लगाया. जिसके बाद हॉल में मौजूद एनडीए के सभी सांसदों ने जोरदार तालियों के साथ उनका स्वागत किया.
प्रधानमंत्री मोदी ने इससे पहले 20 जून 2014 को संसद की सीढ़ियों पर झुककर प्रणाम किया था. उस वक्त भी उनकी खूब प्रशंसा हुई थी. अब उन्होंने संविधान को माथे से लगाया है. प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा संसद और संविधान को अहमियत दी है. हालांकि विपक्षी दलों ने कई बार उन पर संविधान बदलने का आरोप भी लगाया लेकिन उन्होंने हर बार संविधान की रक्षा की बात दुहराई. एक बार फिर उन्होंने संसद में संविधान की प्रति के आने नमन होकर लोकतंत्र में अपनी गहरी आस्था व्यक्त की है.
चुनाव में दिखी लोकतंत्र की ताकत- मोदी
इसके बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जनादेश हमारे देश के लोकतंत्र की ताकत है. उन्होंने कहा कि देश की जनता ने एनडीए में जिस प्रकार से अपना विश्वास जताया है, वह काबिलेतारीफ है. पीएम मोदी ने कहा कि एनडीए को आज देश के 22 राज्यों में सरकार बनाने का मौका मिला है, इससे जाहिर होता है हमारा गठबंधन सही मायने में भारत की आत्मा है.
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