लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. शेयर बाजार को लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि भाजपा को पता था कि चार जून को क्या होगा. यही वजह थी कि भाजपा के सबसे बड़े नेताओं ने लोगों से शेयर बाजार में निवेश करने के लिए कहा. इसकी जांच होनी चाहिए.
रायबरेली और वायनाड से सांसद चुने गए राहुल गांधी ने कहा कि पहली बार हमने यह नोट किया कि चुनाव के समय प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री ने शेयर बाजार पर टिप्पणी दी. प्रधानमंत्री ने दो-चार बार कहा कि शेयर बाजार तेजी से बढ़ने जा रहा है. उनके मैसेज को वित्त मंत्री और गृह मंत्री ने भी आगे बढ़ाया. गृह मंत्री ने तो यहां तक कहा कि 4 चार जून से पहले शेयर खरीदे लें. प्रधानमंत्री ने भी यही कहा और 28 मई को फिर से दोहराया.
‘उन्हें पता था कि पूर्ण बहुमत नहीं मिलेगा’
राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा के सबसे बड़े नेताओं ने रिटेल इंवेस्टर को मैसेज दिया. उनके पास जानकारी थी कि भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिलेगा. वो जानते थे कि 3-4 जून को क्या होने वाला है. 30 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. हजारों-लाखों करोड़ रुपये का चुनिंदा लोगों को फायदा हुआ है. हम प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और जिन्होंने एग्जिट पोल किया, उनके खिलाफ जांच की मांग करते हैं.
‘यह स्टॉक बाजार सबसे बड़ा घोटाला है’
राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा के आंतरिक सर्वें में 220 सीट मिल रही थीं. मगर, एग्जिट पोल में ज्यादा सीटें दिखाई गईं. प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने पांच करोड़ निवेशकों को शेयर खरीदने की सलाह क्यों दी गई? इसका फायदा उठाने वाले विदेशी निवेशक कौन है? यह स्टॉक बाजार सबसे बड़ा घोटाला है. इसकी जांच के लिए जेपीसी का गठन होना चाहिए.
अब पहले वाली स्थिति नहीं है: कांग्रेस सांसद
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि हम इस मामले को लेकर सरकार पर दबाव डालेंगे. जेपीसी जांच की मांग करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस तरह से पहले काम करते थे, अब नहीं कर पाएंगे क्योंकि अब पहले वाली स्थिति नहीं है. कांग्रेस सिर्फ सरकार की बात नहीं कर रही है. स्टॉक मार्केट में देश के करोड़ों लोगों का नुकसान हुआ है.
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