केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किए भगवान महाकाल के दर्शन, बोले- मंदिर का प्राचीन प्रवरूप कायम रहना चाहिए

उज्जैन। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में गुरुवार को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भगवान महाकाल के दर्शन किए। नंदी मंडप में बैठकर ध्यान व प्रार्थना की। पुजारियों ने स्वस्ति वाचन किया। सभा मंडप से बाहर आते समय ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पं. संजय पुजारी से मंदिर के शिखर के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने पूछा कि मंदिर के शिखर पर पुताई क्यों की गई है, इसका स्वरूप भी प्राचीन काले पत्थरों की तरह होना चाहिए।

इस पर पुजारी ने उन्हें बताया कि मंदिर का शिखर पत्थर से नहीं, बल्कि ईंट और चूने से बना हुआ है, इसलिए शिखर पर चूने से पुताई की जाती है। कोटितीर्थ कुंड में जलीय जीवों की मौजूदगी के बारे में भी पूछा तथा उनकी देखरेख करने को कहा। कोटितीर्थ कुंड के आसपास बने छोटे मंदिरों के रखरखाव तथा आसपास मौजूद प्राचीन मूर्तियों का संरक्षण की बात भी कही।

 

 

महाकाल दर्शन के बाद सिंधिया मां बगलामुखी के दर्शन करने नलखेड़ा रवाना हो गए, जहां उन्होंने दर्शन किए। जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, राजेंद्र भारती तथा सांसद अनिल फिरोजिया मौजूद थे।

 

 

मंदिर का प्राचीन प्रवरूप कायम रहना चाहिए

 

 

मंदिर से बाहर निकलते समय मंत्री सिंधिया ने काले पत्थरों से निर्मित दीवार को छुआ तथा इसकी प्राचीनता के संबंध में सांसद फिरोजिया से बात की। उन्होंने मंदिर के शिखर के बारे में भी सांसद से चर्चा करते हुए कहा कि नवनिर्माण के कारण मंदिर का पौराणिक स्वरूप नष्ट ना हो इसका विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए।
सिंधिया ने मां बगलामुखी का दर्शन, पूजन, हवन किया

 

नलखेड़ा। नगर में गुरुवार को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया विश्व प्रसिद्ध मां बगलामुखी मंदिर पहुंचे, इस दौरान सिंधिया ने मां बगलामुखी का दर्शन, पूजन, हवन किया गया। माता के पूजन के बाद संदीपेंद्र महाराज के आश्रम पहुंचकर आशीर्वाद लिया। सिंधिया करीब दो घंटे से ज्यादा मंदिर परिसर में रहे, इस अवसर पर उनके साथ मंत्री तुलसीराम सिलावट, गोविन्दसिंह राजपूत, गौतम टेटवाल, पूर्व विधायक राजेंद्र भारती, सहित सिंधिया फेंस क्लब के पदाधिकारी भी उपस्थित रहे। माता मंदिर पर उनकी अगवानी नगर के वरिष्ठ भाजपा नेताओं द्वारा की गई।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.