राजधानी दिल्ली ने गर्मी ने पिछले 100 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. 28 मई (मंगलवार) को यहां नजफगढ़ में अधिकतम तापमान 49.4 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया, जबकि राजस्थान के चूरू में तापमान 50.5 डिग्री दर्ज किया गया है. मौसम विभाग की मानें तो फिलहाल कुछ दिनों तक दिल्ली के लोगों को इस भीषण गर्मी से निजात नहीं मिलेगी.
दिल्ली के साथ ही उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में गर्मी के कारण कहर बरप रहा है. आइए जान लेते हैं कि आखिर राजधानी दिल्ली में पारा 50 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंचने की वजह क्या है.
हरियाणा-राजस्थान से आने वाली गर्म हवाएं
मौसम विभाग (आईएमडी) की मानें तो हरियाणा और राजस्थान में शुष्क और गर्म पश्चिमी, उत्तर-पश्चिमी हवाएं लगातार चल रही हैं. इन हवाओं के दिल्ली पहुंचने के कारण यहां का तापमान लगातार बढ़ता ही जा रहा है. इसके साथ ही आईएमडी का यह भी कहना है कि आसमान साफ होने के कारण भी धरती की सतह तेजी से गर्म हो रही है. इसके कारण भी तापमान बढ़ रहा है.
इस समय रहता है अधिकतम तापमान
IMD का अनुमान है कि फिलहाल दिल्ली में तापमान और बढ़ेगा. ऐसे ही उत्तर प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, राजस्थान, पंजाब, मध्य प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़ और महाराष्ट्र में भी भीषण गर्मी जारी रहेगी. इसलिए अगली कुछ रातों में भी इस हालत से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है. वैसे यह पहला मौका नहीं है जब राजधानी दिल्ली में इतनी ज्यादा गर्मी पड़ रही है. मौसम विभाग का मानना है कि दिल्ली के जलवायु विज्ञान के अनुसार साल में इस समय के दौरान अधिकतम तापमान दर्ज ही किया जाता है.
इसलिए हो रहा है गर्मी का ज्यादा अहसास
आईएमडी की ओर से इसीलिए ‘रेड’ अलर्ट जारी किया गया है कि यह क्षेत्र अभी भीषण गर्मी की चपेट में रहेगा. बेस स्टेशन पर तापमान 30 मई तक 45 से 46 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान मौसम विभाग की ओर से जताया गया है. विभाग का यह भी कहना है कि कुछ स्थानों पर तापमान दो से तीन डिग्री अधिक भी दर्ज किया जा सकता है. वैसे, दिल्ली के लोगों को इस बार गर्मी का अहसास इसलिए भी ज्यादा हो रहा है, क्योंकि पिछले साल यहां हीटवेव की स्थिति नहीं बनी थी. इसीलिए इस बार हीटवेव के दौरान लोगों को गर्मी का ज्यादा अहसास हो रहा है.
31 मई से राहत मिलने की जताई गई है उम्मीद
मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि 31 मई से लू से थोड़ी राहत मिल सकती है. इसका कारण बनेगा पश्चिमी विक्षोभ. यह विक्षोभ दिल्ली को प्रभावित करेगा तो आसमान पर बादल छा सकते हैं. इसकी वजह से 31 मई और 1 जून को राजधानी के तापमान में मामूली गिरावट आ सकती है. इससे दिल्ली का औसत अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस तक आ सकता है.
आईआईटी भुवनेश्वर ने किया है अध्ययन
इसके अलावा प्रचंड गर्मी पर आईआईटी भुवनेश्वर की एक रिपोर्ट भी सामने आई है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के 141 प्रमुख शहरों में पिछले दो दशकों में तापमान बढ़ने का सबसे अहम कारण बढ़ता शहरीकरण और जलवायु में आ रहे बदलाव हैं. आईआईटी में रिसर्च के दौरान इन शहरों में तापमान में वृद्धि का कारण जानने के लिए 2003 से 2020 के बीच नासा के उपग्रह से मिले आंकड़ों की मदद भी ली गई है. इन आंकड़ों में साफ पता चलता है कि सतह का तापमान बढ़ रहा है.
जलवायु में बदलाव के साथ ही शहरीकरण भी जिम्मेदार
आईआईटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में तो तापमान बढ़ने की वजह जलवायु परिवर्तन है. वहीं, शहरी क्षेत्रों में इस भीषण गर्मी के लिए जलवायु परिवर्तन के साथ ही शहरीकरण भी जिम्मेदार है. शहरों में कंक्रीट के जंगल यानी बेतहाशा निर्माण और जमीन के इस्तेमाल में हो रहे बदलाव के कारण गर्मी बढ़ रही है. इसमें दावा किया गया है कि बेतहाशा शहरीकरण में पर्यावरण को बचाने के लिए तय किए गए स्टैंडर्ड मानकों की खूब अनदेखी की गई है. यही वजह है कि देश के अधिकतर शहरों में इस वक्त भीषण गर्मी बनी हुई है.
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