सिगरेट स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, ये सभी को पता है. इसके बावजूद सिगरेट पीने वालों की तादाद लगातार बढ़ती ही जा रही है. ये ताज्जुब की बात है. टीनेजर भी इसके शिकार हो रहे हैं. उनमें सिगरेट पीने की ललक काफी बढ़ रही है. हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इससे संबंधित डेटा जारी किया है. टोबैको कंट्रोल रिपोर्ट में बताया गया है टीनेजर गर्ल्स में सिगरेट पीने की लत काफी बढ़ गई है. 10 साल में यह दोगुनी हो गई है.
सरकारी रिपोर्ट में बताया गया है कि 2009 से 2019 के बीच टीनेजर गर्ल्स में सिगरेट पीने की लत करीब 6.2 फीसदी बढ़ गई है. टोबैको कंट्रोल रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2009 में टीनेजर गर्ल्स में सिगरेट पीने वालों की संख्या 3.8 फीसदी थी, जो 2019 में बढ़कर यह 6.2 फीसदी हो गई है. वहीं, अगर टीनेजर ब्वॉइज की बात करें तो इसमें और बढ़ोतरी देखने को मिली है.
टीनेजर लड़कों में भी बढ़ी सिगरेट पीने ललक
रिपोर्ट में बताया गया है कि 10 साल में टीनेजर लड़कों में सिगरेट पीने ललक और बढ़ी है. इसमें 2.3 फीसदी का इजाफा देखा गया है. वहीं, पुरुषों में 2.2 फीसदी की कमी आई है जबकि महिलाएं भी सिगरेट कम पीने लगीं हैं. उनकी संख्या में 0.4 फीसदी की कमी देखी गई है. वहीं, 2019 में सिगरेट पीने वाले गर्ल्स की संख्या 6.2 फीसदी थी, जो महिलाओं से काफी ज्यादा थी.
2017 में सिगरेट का सेवन करने वाले महिलाओं की संख्या 1.5 फीसदी थी. टोबैको मामले में जेंड गैप बहुत कम का अंतर है. साल 2019 में 7.4 फीसदी गर्ल्स टोबैको यूजर्स थे जबकि इसका सेवल करने वाले लड़कों की 9.4 फीसदी थी. अगर युवाओं को धूम्रपान छोड़ने के लिए प्रेरित नहीं किया गया तो भविष्य में इसकी संख्या और अधिक हो सकती है. तम्बाकू प्रोडक्ट पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए.
सिगरेट पीने के नुकसान
सिगरेट पीने यानी धूम्रपान करने वालों में हृदय रोग, स्ट्रोक और फेफड़ों का कैंसर होने की संभावना अधिक होती है. धूम्रपान के कारण पूरा स्वास्थ्य खराब हो जाता है. सिगरेट पीने से शरीर के लगभग हर अंगों को नुकसान पहुंचता है. इसका धुआं काफी नशीला होता है. इसमें निकोटीन की मात्रा काफी अधिक होती है. इसमें सैंकड़ो कैमिकल्स होते हैं, जो शरीर के लिए हानिकारक होते हैं.
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