राजस्थान के झुंझुनू से डॉक्टरों की लापरवाही का मामला सामने आया है. जयपुर के एसएमएस अस्पताल में झुंझुनू का एक ऐसा मरीज भर्ती हुआ, जिसकी जांच में पता चला कि दूसरे अस्पताल में उसकी संक्रमित किडनी का इलाज करने के बजाय डॉक्टरों ने मरीज की सही किडनी बाहर निकाल दी. मरीज का संक्रमण जब ज्यादा बढ़ा तो ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर ने पूरे मामले को मैनेज करने की कोशिश की और मरीज के घर तक पहुंच गया.
जब बात नहीं बनी तो मरीज के घरवालों को जयपुर के एसएमएस अस्पताल जाने से रोका और इलाज का पूरा खर्चा उठाने की बात कही. मरीज जब जयपुर के एसएमएस अस्पताल में आया तो जांच के बाद डॉक्टर को इस मामले का पता चला और उन्होंने तुरंत इस मामले की जांच के लिए एक बोर्ड का गठन कर दिया. बोर्ड में नेफ्रोलॉजी,यूरोलॉजी के डॉक्टर से लेकर मेडिकल जूरिस्ट भी शामिल है. इस मामले में एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ दीपक माहेश्वरी को लिखित में शिकायत भी दी गई है.
क्या है पूरा मामला?
यह पूरा मामला झुंझुनू के धनखड़ हॉस्पिटल का है, जहां मंडावा का रहने वाली 54 साल की मरीज बानो को पिछले दिनों स्टोन का दर्द लगातार हो रहा था. उन्होंने झुंझुनू के धनखड़ हॉस्पिटल के डॉक्टर संजय धनखड़ के पास चेक-अप करवाया.
डॉक्टर ने कहा कि स्टोन के कारण बार-बार दर्द हो रहा है इसलिए किडनी को निकालना पड़ेगा. यदि किडनी को नहीं निकाला गया तो किडनी खराब हो जाएगी. बिना किडनी निकाले यह समस्या जिंदगी भर मरीज को झेलनी पड़ेगी.
सरकारी अस्पताल में जाने से किया मना
डॉक्टर संजय ने धनखड़ हॉस्पिटल में मरीज की 15 मई को सर्जरी की. 17 मई को मरीज की हालत खराब होने लगी और मरीज की समस्या बढ़ गई. मरीज के घरवालों ने जब डॉक्टर को इस बारे में बताया तो डॉक्टर संजय धनखड़ ने जयपुर के किसी अस्पताल में दिखाने को कहा, लेकिन घरवालों ने मरीज को एसएमएस अस्पताल में जाने के लिए मना किया.
मरीज के घरवालों ने जब 21 मई को बानो को जयपुर में भर्ती करवाया तो मरीज की जांच में पूरे मामले का पता चल गया. डॉक्टरों ने बानो की बाईं किडनी निकाल दी, जबकि उसकी दाईं किडनी में संक्रमण था. फिलहाल इस पूरे मामले की जांच मेडिकल बोर्ड के द्वारा की जाएगी.
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