दिल्ली समेत पूरा उत्तर पश्चिम भारत लगातार 11वें दिन झुलसा देने वाली गर्मी से परेशान रहा. पूरे देश में 17 जगहों पर अधिकतम तापमान 48 डिग्री तक पहुंच गया. लगातार पड़ रही भीषण गर्मी से अब लोगों के स्वास्थ्य के साथ-साथ आजीविका पर असर पड़ने लगा है. वहीं मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. दिल्ली समेत राजस्थान, हरियाणा, गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब में अगले तीन दिन तक भीषण गर्मी से राहत के आसार नहीं है.
मौसम विभाग के चीफ मृत्युंजय महापात्र ने सोमवार को कहा है कि उत्तर पश्चिम भारत के राज्यों को 31 मई तक हीट वेव से राहत के आसार हैं. वहीं दिल्ली में मौसम के बदलने के आसार बन रहे हैं. मौसम विभाग की मानें तो दिल्ली में बादलों के साथ हल्की बारिश देखने को मिल सकती है. हालांकि तापमान में किसी तरह की गिरावट फिलहाल मौसम विभाग की ओर से नहीं बताई गई है.
बारिश के बन रहे आसार
महापात्र ने बताया है कि पश्चिमी विक्षोभ और अरब सागर से नमी की वजह से उत्तर पश्चिम और मध्य क्षेत्रों में गरज के बाद हल्की बारिश संभव है. इसके अलावा पहाड़ी राज्यों में भी बारिश के आसार बन रहे हैं जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिल सकती है. फिलहाल उत्तराखंड के कुछ जिलों को छोड़कर ज्यादातर जगहों पर दिन में भीषण गर्मी का अहसास हो रहा है. दिन के साथ-साथ रात का तापमान भी ज्यादा बना हुआ है. देहरादून की बात करें तो यहां दिन का तापमान 40 डिग्री के आस-पास और रात का 26 डिग्री के आस-पास बना है.
कहां कितना कितना रहा तापमान?
सोमवार को भी पूरे देश मे भीषण गर्मी का माहौल रहा है, वहीं राजस्थान का फलोदी 49.4 डिग्री के साथ पूरे देश का सबसे गर्म स्थान रहा है. राजस्थान में ही करीब 8 जगहों पर अधिकतम तापमान 48 डिग्री से ऊपर रहा है. हरियाणा के सिरसा में 48.8 डिग्री तापमान रहा है, वहीं दिल्ली के मुंगेशपुरी में भी 48.8 डिग्री तक पारा पहुंच गया. पंजाब के बठिंडा में 48.4 डिग्री और यूपी के झांसी में 48.1 डिग्री तक तापमान रहा है. हिमाचल के ऊना में 44 डिग्री तक तापमान पहुंचा जबकि मंडी में 39.4 डिग्री तापमान दर्ज किया गया.
रेमल का असर
चक्रवाती तूफान रेमल की बात करें तो पश्चिम बंगाल में इससे भीषण तबाही देखने को मिली है. बंगाल के तटीय इलाकों में रेमल की वजह से 6 लोगों की मौत बताई जा रही है वहीं 29 हजार से ज्यादा घरों को नुकसान बताया जा रहा है. इसके अलावा 1700 बिजली के खंभों को भी नुकसान पहुंचा है. अभी भी करीब 2 लाख लोगों को राहत सेंटर्स में रखा गया है जहां उनके खाने-पीने की व्यवस्था की जा रही है.
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