12 साल की उम्र में रेप, 13 की उम्र में बनी बिन ब्याही मां… बेटे ने दिलाया 30 साल बाद इंसाफ

एक बेटा 17 साल की उम्र में आकर अपनी मां से सवाल करता है ‘मां मेरा बाप कौन है, क्या नाम है उनका?’ मां पहले अपने बेटे के पूछे गए सवाल को टालती है. बेटा जब जिद पर अड़ जाता है तो बेबस मां उसे सच्चाई बताती है, जिसे सुनकर उसके पैरों तले जमीन खिसक जाती है. मां का एक-एक लफ्ज तीर की तरह उसके सीने में धंस गया. बेटे को सच्चाई बताते हुए उसे 27 साल पहले अपने ऊपर हुए जुर्म की हर तस्वीर याद आ जाती है. बेटा उसी वक्त मां को इंसाफ और आरोपियों को सजा दिलाने की ठान लेता है.

रुंह कंपा देने वाली ये कहानी उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की है. इस कहानी में 3 साल तक कोर्ट में कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद बेटा अपनी मां के आरोपियों को सजा दिलाने में कामयाब हुआ है. उसकी मां के साथ 12 साल की उम्र में गैंगरेप हुआ था. आरोपी दो सगे भाई थे. 13 साल की उम्र में वो बिन ब्याही मां बन गई और एक बेटे को जन्म दिया. उसी बेटे ने बड़े होकर अपनी मां के साथ हुए जुल्म का बदला लिया. कोर्ट ने 30 साल पहले हुए गैंगरेप के इस मामले में दो आरोपी भाइयों को 10-10 साल की सजा सुनाई है.

क्या है कहानी?

घटना 1994 की है. उस वक्त पीड़िता की उम्र 12 साल थी. वह थाना सदर बाजार इलाके में अपने बहन-बहनोई के घर रहती थी. उसके बहन और बहनोई सरकारी जॉब करते थे. जब वह दोनों ड्यूटी पर जाते तो पीड़िता घर पर अकेली रह जाती. घर के पड़ोस में रहने वाले दो सगे भाई, नकी हसन उर्फ ब्लेड ड्राइवर और गुड्डू उस पर बुरी नजर रखते थे. एक दिन मौका पाकर दोनों भाई पीड़िता के घर में घुस गए और उसके साथ रेप कर दिया. दोनों भाई पीड़िता को डरा-धमकाकर आए दिन रेप करने लगे. इसी दौरान पीड़िता 13 साल की उम्र में गर्भवती हो गई. बहन-बहनोई ने जब उससे पूछा तो उसने उन्हें पूरी घटना के बारे में बताया.

13 साल की उम्र में बेटे को दिया जन्म

आरोपियों की धमकी और बदनामी के डर से पीड़िता के बहन-बहनोई उसे लेकर रामपुर चले गए, जहां उसने एक बेटे को जन्म दिया था. जन्म के बाद में बहन बहनोई ने बेटे को अपने एक रिश्तेदार को पालने के लिए दे दिया और पीड़िता की दूसरी जगह शादी कर दी गई. कुछ समय बाद में हालत ऐसे बदले कि जिस बेटे को शादी से पहले जन्म दिया था वह उसके पास वापस आ गया.

एक रोज बेटे ने पिता के बारे में पूछा

धीरे-धीरे बेटा बड़ा होने लगा. इस बीच उसे अपने पिता को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं थी. एक रोज वह एक फार्म भर रहा था. पिता वाले कॉलम में उसे अपने बाप का नाम लिखना था. उसने मां से पिता का नाम पूछा. पहले मां ने बेटे की बात को टाला. बेटे ने इस बात को लेकर जिद पकड़ ली. बाद में मां ने बेटे को पूरी घटना के बारे में बताया.

DNA जांच ने दिलाया इंसाफ

बेटे ने मां को न्याय दिलाने के लिए दोनों आरोपियों के खिलाफ मार्च 2021 में थाना सदर बाजार में रेप का मामला दर्ज कराया. पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने घटना से इनकार कर दिया, लेकिन बेटे ने फिर भी हार नहीं मानी. मामला जब आगे बढ़ात तो पुलिस ने पीड़िता के बेटे और आरोपियों के डीएनए सैंपल जांच के लिए भेजे. जांच रिपोर्ट में डीएनए मैच हो गया. उसके बाद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया. डीएनए मैच होने और पीड़िता के बयान के आधार पर अपर सत्र न्यायाधीश लवी यादव ने दुष्कर्म के आरोपियों को 10-10 साल की सजा और 30-30 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है.

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