लोकसभा चुनाव से पहले हिंसा की आग में जला नंदीग्राम, जमकर हुई आगजनी और तोड़फोड़

शनिवार को नंदीग्राम में वोटिंग हैं और मतदान से पहले पूर्वी मेदिनीपुर का नंदीग्राम फिर से हिंसा की आग में जल रहा है. बीजेपी महिला समर्थक की मौत से इलाके में अशांति फैल गई है. दुकानों और घरों में आग लगा दी गई. बीजेपी कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया. इस बीच हालात बेकाबू होने से पहले नंदीग्राम थाने से केंद्रीय बल पूरे इलाके में पहुंच रहे हैं. वहां बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है.

मालूम हो कि नंदीग्राम में सैनिकों की 100 से ज्यादा कंपनियां पहले से तैनात हैं और अब चुनाव आयोग की ओर से और केंद्रीय बल इलाके में भेजे जा रहे हैं. उधर, विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी शाम को नंदीग्राम जा रहे हैं. ऐसे में सियासत और गरमाने के आसार हैं.

बीजेपी की महिला कार्यकर्ता की हत्या से बवाल

बुधवार की रात बैनर फस्टून लगाने को लेकर तृणमूल और भाजपा के बीच झड़प हो गयी थी. कथित तौर पर तृणमूल कार्यकर्ताओं ने एक बीजेपी महिला समर्थक की हत्या कर दी. बीजेपी महिला कार्यकर्ता की हत्या के बाद से नंदीग्राम में माहौल गरमाया हुआ है. इसके विरोध में बीजेपी ने बंद बुलाया. बीजेपी ने सुबह से ही विरोध आंदोलन शुरू कर दिया है.

सोनाचूड़ा के मनसापुकुर बाजार में बीजेपी कार्यकर्ताओं-समर्थकों ने सड़क जाम कर दिया. कुछ दुकानों में तोड़फोड़ की गई और आग लगा दी गई. पुलिस ने बार-बार जाम हटाने की अपील की, लेकिन काम नहीं हुआ. अंत में पुलिस और केंद्रीय बलों ने लाठियां बरसाकर बीजेपी कार्यकर्ताओं को हटाया. इलाके के भाजपा नेतृत्व ने दावा किया कि यह घटना बुधवार को तृणमूल के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की भड़काऊ टिप्पणी के बाद हुई है.

बता दें कि अभिषेक बनर्जी ने कहा था कि मेरे पास उन लोगों की सूची है जिन्होंने नंदीग्राम ब्लॉक 1, सोनाचुड़ा, हरिपुर, गोकुलनगर, वेकुटिया और बोयालनगर 1, बोयाल 2 ब्लॉक 2 में लोगों को वोट नहीं देने दिया. मैंने चेतावनी दी कि परिणाम बहुत बुरे होंगे. कोई नहीं बचा पाएगा.

नंदीग्राम को लेकर गरमाई सियासत

तृणमूल नेता शेख सुफियान ने दावा किया कि यह कोई उकसाने वाला भाषण नहीं था. उन्होंने विरोध करने की बात कही थी. किसी भी हमले का विरोध करें. कभी नहीं कहा कि हमला करो और वह क्षेत्र बीजेपी का है. झंडा बांधने वाला कोई नहीं है. यह तृणमूल को फंसाने की रणनीति है.

बता दें कि विधानसभा चुनाव 2021 के दौरान नंदीग्राम काफी सुर्खियों में रहा था. नंदीग्राम में राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद टीएमसी की उम्मीदवार थीं और उनके खिलाफ बीजेपी ने उनके ही पुराने शार्गिद शुभेंदु अधिकारी को उम्मीदवार बनाया था.

विधानसभा चुनाव में शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी को पराजित कर जीत हासिल की थी और राज्य में टीएमसी फिर से सत्ता में वापसी करने में कामयाब रही थी. बाद में ममता बनर्जी ने भवानीपुर विधानसभा में हुए उपचुनाव में जीत हासिल की थी. हालांकि नंदीग्राम में चुनाव से पहले और बाद में हिंसा की कई घटनाएं घटी थी. बाद में सीबीआई ने इस मामले की जांच की थी और कई लोगों को गिरफ्तार भी किया था.

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