हेमंत सोरेन को मिलेगी बेल या काटेंगे जेल? अंतरिम जमानत पर SC में सुनवाई जारी

लोकसभा चुनाव में प्रचार प्रसार के लिए झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को आज अंतरिम जमानत मिलेगी या नहीं, इस पर सुनवाई जारी है. अपनी याचिका में सोरेन ने गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए प्रचार के लिए अंतरिम जमानत की मांग की है. मगर ईडी ने हलफनामा दाखिल कर याचिका का विरोध किया है. जस्टिस दीपांकर दत्ता की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय बेंच मामले की सुनवाई कर रही है सोरेन की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल पीठ समक्ष दलीलें पेश कर रहे हैं.

ऐसे में आज देखना होगा कि हेमंत सोरेन को बेल मिलेगी या अभी और जेल में रहेंगे. शीर्ष अदालत के फैसले पर सबकी निगाहें टिकीं हैं. 17 मई कोर्ट ने सोरेन को तत्काल राहत देने से मना कर दिया था. बता दें कि जमीन घोटाला मामले में सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है. सोरेन को ED ने 31 जनवरी को रांची से गिरफ्तार किया था.

दोनों पक्षों की तरफ से पेश की गईं ये दलीलें

सोरेन की तरफ दलीलें पेश करते हुए उनके वकील सिब्बल ने कहा कि कुल 12 भूमि के टुकड़े हैं और मैं उस समय चार साल का था जब इन भूमि का हस्तांतरण हुआ. सिब्बल ने कहा कि 2009-10 में मैंने यह जमीन ली थी. इसके बाद अप्रैल 2023 में ईडी ने शिकायत दर्ज की. इस बीच किसी ने भी शिकायत नहीं की.

वहीं, ईडी की तरफ से एएसजी राजू ने कहा कि वह केवल वही पढ़ रहे हैं जो उनके लिए सुविधाजनक है. सिब्बल ने कहा कि ईडी की रिपोर्ट से पता चलता है कि परिसर में एक अस्थायी बंदोबस्त था और उसमें मौजूद महिला ने कहा कि जमीन हेमंत सोरेन की है और एक अन्य ने यह भी कहा कि यह मंत्रीजी की है. इस पर राजू ने कहा कि सिब्बल साहेब नहीं बताएंगे कि विवाद क्या है.

यह केजरीवाल जैसा मामला नहीं- ED

राजू ने कहा कि हाईकोर्ट में भी समान याचिका दायर की गई थी लेकिन अब वह लोकसभा चुनाव के मद्देनजर केजरीवाल के आदेश आधार पर अंतरिम राहत मांगने लगे. जबकि हाईकोर्ट ने अपने आदेश में सब स्पष्ट किया है. राजू ने कहा कि जमीन सोरेन के नाम जरूर नहीं थी. लेकिन उनका कब्जा गैरकानूनी तरीके से था जो किसी और के नाम करायी गई दो ट्राइबल नहीं था. राजू ने कहा कि संतोष मुंडा जमीन के केयरटेकर बनाए गए थे. राजू ने पीएमएलए की धारा 45 पर बहस करने लगे. इस पर सिब्बल ने आपत्ति जताते हुए कहा कि मैं उस पर नहीं जाना चाहता, सिर्फ अंतरिम राहत चाहता हूं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट ने आपकी जमानत याचिका खारिज की है और कोर्ट संज्ञान भी ले चुका है.

17 मई को SC से नहीं मिली थी राहत

जमीन घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हेमंत सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था लेकिन उच्च न्यायालय ने उनकी रिट याचिका को खारिज कर दी थी. इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. 17 मई को उन्हें यहां से भी झटका लगा. कोर्ट से राहत देने से इनकार कर दिया था और कहा था इस मामले में 21 मई को अगली सुनवाई करेंगे.

31 जनवरी को ED ने किया था गिरफ्तार

ईडी ने सोरेन को जमीन घोटाले में 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था. तब से वह जेल में बंद हैं. हेमंत सोरेन पर आरोप है कि उन्होंने 31 करोड़ रुपये से ज्यादा की 8.86 एकड़ जमीन अवैध रूप से हासिल की है.

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