माता-पिता ने तलाक लेकर की दूसरी शादी, बच्ची बोली-दोनों के साथ नहीं रहना

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक युवक और युवती ने शादी की. दो साल पति-पत्नी के बीच विवाद और झगड़ा होने के कारण शादी टूट गई. इसी दौरान दोनों की एक बेटी भी हुई. कुछ समय बाद दोनों ही पति-पत्नी ने किसी और से शादी कर ली. इसी बीच पति अपनी पहली पत्नी से हुई बेटी की कस्टडी लेना चाहता था, जिसके लिए उसने पहले निचली अदालत का रुख किया. लेकिन निचली अदालत में उसकी याचिका खारिज हो गई.

इसके बाद उसने हाईकोर्ट में अपनी बेटी को साथ रखने की कस्टडी लेने के लिए याचिका दायर की. जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस संजय एस. अग्रवाल ने बच्ची से पूछना जरूरी समझा कि आखिर वह किसके साथ रहना चाहती है. कोर्ट की भीतर पूछने पर बच्ची डर के कारण कुछ नहीं बता पा रही थी. फिर कोर्ट ने बच्ची को महिला वकील के साथ कोर्ट के बाहर भेजा, जहां बच्ची ने नानी और मां के साथ रहने में सहमति जताई.

कोर्ट ने पिता को भी दी रियायत

बेटी और पिता के रिश्ते की गंभीरता को समझते हुए कोर्ट ने कहा कि हर शनिवार और रविवार को पिता अपनी बेटी से बात करने के लिए एक घंटे वीडियो कॉल करने की इजाजत दी है. हर दिन बच्ची का हाल-चाल पूछने के लिए कोर्ट ने बेटी को रोज 5 से 10 मिनट तक कॉल करने की भी छूट दिया है.

कोर्ट ने बच्ची को पिता के साथ एक हफ्ते तक साथ रहने की भी बात कही है. कोर्ट ने कहा है कि बच्ची वैकेशन के दौरान अपने पिता के साथ 7 दिन तक रह सकती है. इसके लिए नानी और उसकी मां बच्ची को पिता के साथ रहने की इजाजत दें.

बता दें कि बिलासपर में महिला की शादी कबीरधाम के एक शख्स से शादी की थी. दो साल तक रिश्ता चलने के बाद दोनों की शादी 2016 में टूट गई. दोनों की बेटी 2015 में हुई थी. दोनों ही बच्ची के माता-पिता के दूसरी शादी के बाद से भी बच्चे हुए हैं.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.