कांग्रेस को सुप्रीम कोर्ट से एक बड़ा झटका, इंदौर में डमी उम्मीदवार को नहीं मिली चुनाव लड़ने की अनुमति
इंदौर में नाम वापसी केस में कांग्रेस को सुप्रीम कोर्ट से भी झटका लगा है। कोर्ट ने डमी प्रत्याशी मोती सिंह पटेल की याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि डाक मत पत्र डल चुके, अब चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दे सकते। कोर्ट ने कांग्रेस प्रत्याशी की दलीलों को सही माना। लेकिन साथ ही कहा कि अब बहुत देर हो चुकी है, चुनाव लड़ने की अनुमित नहीं दे सकते।
बता दें कि 29 अप्रैल को इंदौर से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे अक्षय कांति बम ने नामांकन वापस लिया था। 26 अप्रैल को फॉर्म की जांच में मोती सिंह पटेल का फॉर्म यह कारण देते हुए निरस्त कर दिया था कि कांग्रेस के मुख्य प्रत्याशी अक्षय बम का फॉर्म मान्य पाया गया है। साथ आपके फॉर्म में 10 प्रस्तावक के साइन नहीं है जबकि 10 प्रस्तावक निर्दलीय फॉर्म में लगते हैं और मोती सिंह पटेल ने पार्टी से फॉर्म भरा था।
मोती सिंह पटेल ने रिटर्निग ऑफिसर के सामने आवेदन देकर उन्हें कांग्रेस का चिन्ह देने की मांग की थी। 30 अप्रैल को मोती सिंह ने इंदौर हाई कोर्ट की सिंगल बेंच में पिटीशन लगाई थी जहां से खारिज कर दी गई थी।
उसके बाद 2 मई को हाई कोर्ट की डबल बेंच के सामने याचिका लगाई थी वहां पर भी कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी। उसके बाद मोती सिंह 7 मई को सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और विशेष अनुमति लेकर याचिका लगाई जिसकी सुनवाई आज 10 मई को हुई। लगभग 8 मिनट बहस चली जिसमें कोर्ट ने कहा कि आप लेट हो चुके हैं। डाक मत पत्र की वोटिंग हो चुकी है और बीच में शनिवार रविवार अवकाश है और सोमवार को चुनाव है। ऐसे में चुनाव में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं दे सकते।
- मोती सिंह के वकील रवि शंकर और वकील वरुण चोपड़ा द्वारा उठाए गए बिंदुओं से सहमत होकर विधि के प्रश्न को खुला रखा है जिसमें 10 प्रस्तावक नहीं होने पर फॉर्म निरस्त होना चाहिए या नहीं।
- मुख्य प्रत्याशी द्वारा नाम वापस पर वैकल्पिक प्रत्याशी स्वतंत्र पार्टी का अधिग्रहण प्रत्याशी बनेगा या नहीं?
- क्या वैकल्पिक प्रत्याशी के नामांकन की दो बार जांच होना चाहिए या नहीं आदि विधिक बिंदु शामिल है।
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