करतारपुर साहिब के दर्शन को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बड़ी बात कही. उन्होंने भारतीयों को करतारपुर साहिब के दर्शन के लिए जो 20 अमेरिकी डॉलर की फीस लगती है, वो हमने नहीं लगाया है. ये पाकिस्तान के द्वारा लगाया गया है. जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान सरकार से बातचीत कर इस मुद्दे को हल करने का जरूर प्रयास करेंगे. जयशंकर ने अमृतसर में एक कार्यक्रम के दौरान यह बात कही.
इस दौरान विदेश मंत्री ने कहा कि करतारपुर केवल हमारे हाथ में नहीं है. हमें पाकिस्तान के साथ एक समझौता करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि करतारपुर साहिब जाने के लिए हमें अंतरराष्ट्रीय सीमा को पार करना पड़ता है. आमतौर पर इंटरनेशनल बॉर्डर तभी पार कर सकते हैं, जब आपके पास वीजा हो. मगर करतारपूर जाने के लिए हमने वीजा को खत्म कर दिया कि यहां जाने के लिए वीजा की दरकार नहीं है.
हम इस जरूर करेंगे कोई बड़ा फैसला
वहीं, उन्होंने कहा कि जहां तक फीस का सवाल है तो मुझे याद है कि जो 20 डॉलर का शुल्क है, यह हमारे द्वारा लागू नहीं किया गया था. यह पाकिस्तान ने लगाया था. इसको लेकर कई लोगों ने मुझसे कहा है. ऐसे कई लोग हैं, जिनके पास पासपोर्ट भी नहीं है और वे लोग करतारपूर जाना चाहेंगे. जयशंकर ने कहा कि हम उनकी आशाओं को समझते हैं और ये जो विषय है कि उस पर फीस नहीं लगनी चाहिए तो इस पर मैं आपको जरूर आश्वासन दे सकता हूं कि ये विषय हम जरूर पाकिस्तान सरकार के साथ उठाकर हम इसका कोई फैसला करेंगे.
सिखों का प्रमुख धार्मिक स्थल है करतारपूर
बता दें कि भारत समेत दुनियाभर के सिख तीर्थयात्रियों के अलावा अन्य पर्यटक भी गुरुद्वारा करतापुर साहिब का दर्शन करने के लिए आते हैं. करतारपूर पाकिस्तान के पंजाब के नारोवाल जिले में है. ये सिखों का प्रमुख धार्मिक स्थल है, क्योंकि यहां गुरु नानक देव ने अपने जीवन के आखिरी वर्ष बिताए थे. बताया जाता है कि यहां नानक जी ने 18 सालों तक अपना जीवन बिताया था. बाद में इसी जगह पर गुरु नानक देव ने अपनी देह त्यागी थी.
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