गुजरात: गांव से हटा स्कूल तो नाराज लोगों ने किया मतदान बहिष्कार, 318 में बस एक ने दिया वोट

मंगलवार सात मई को 12 राज्यों की 93 लोकसभा सीटों पर तीसरे चरण का मतदान हुआ. इस चरण में 1331 प्रत्याशियों का भविष्य ईवीएम में कैद हो गया है. गुजरात के 25 लोकसभा सीटों पर मतदान हुआ. इसके साथ ही पांच विधानसभा पर उपचुनाव भी कराया गया है. सात मई को हुए चुनाव में धंदुका तालुका के रतनपर गांव में लोगों ने मतदान का सामूहिक बहिष्कार किया. यहां मतदान के लिए निर्धारित समय में सिर्फ एक मतदाता ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. जबकि इस मतदान केंद्र पर 318 मतदाता रजिस्टर्ड हैं. ग्रामीणों ने यहां स्कूल खोलने की मांग के साथ मतदान का बहिष्कार किया.

दरअसल कुछ महीनों पहले इस गांव में स्थित स्कूल को पड़ोस के गांव में स्थानांतरित कर दिया गया है. गांव से स्कूल हटाए जाने से ग्रामीण नाराज हैं और उन्होंने यहां दोबारा स्कूल खोलने की मांग की और मांग पूरा नहीं होने पर लोकसभा चुनाव मेम मतदान का बहिष्कार किया.

लोगों को समझाने की कोशिश भी नाकाम

गांव में मतदान बहिष्कार की बात सामने आने के बाद चुनाव आयोग के लोग यहां पहुंचे और लोगों से मतदान करने की अपील की. जिला प्रशासन के अधिकारियों ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि उनकी समस्या पर चुनाव के बाद गौर किया जाएगा. वहीं गांव वालों की मांग पर नेताओं ने भी चुनाव के बाद इस मामले में आवश्यक सहयोग का आश्वासन दिया. इसके बाद भी गांव के लोग मतदान करने नहीं पहुंचे. गांव में बनाए गए मतदान केंद्र पर वोटिंग कराने आए मतदान कर्मी पूरी दिन बैठे रहे. यहां रजिस्टर्ड 318 मतदाताओं में सिर्फ एक मतदाता ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया.

गांव से स्कूल हटाने पर नाराज लोग

मतदान बहिष्कार कर रहे ग्रामीणों से जब चुनाव आयोग की टीम ने मतदान करने की अपील की तो गांव वालों ने आपस में बैठक और विचार विमर्श करने की बात कही. इसके बाद भी लोग मतदान करने नहीं पहुंचे. धंदुका तालुका के रतनपर गांव के साथ ही गुजरात के भरूच के केसर, सूरत के सनधारा और बनासकांठा के बखरी गांव के ग्रामीणों ने मतदान का पूरी तरह से बहिष्कार किया है. जबकि मंगरोल के भटगाम और बालासिनोर के बोडोली और पुंजारा गांवों में वोटिंग का आंशिक बहिष्कार किया गया.

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