इस साल अप्रैल की गर्मी ने भारत ही नहीं पूरी दुनिया का पसीना निकाला, सामने आने लगे 19वीं सदी के रिकॉर्ड

गर्मी बढ़ती जा रही है. लोगों का हाल बुरा हो गया है. अभी तो ये शुरुआत है और आने वाले महीनों में लोगों को इससे कोई राहत नहीं मिलने वाली है. बुधवार को जारी नए आंकड़ों के मुताबिक, इस साल अप्रैल की गर्मी ने भारत ही नहीं, पूरी दुनिया का पसीना निकाल दिया. पूरी दुनिया में अप्रैल महीने में इतनी गर्मी कभी नहीं पड़ी थी.यूरोपीय संघ की जलवायु एजेंसी कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस (सी3एस) ने कहा, यह रिकॉर्ड-उच्च तापमान का लगातार 11वां महीना था, जो अब कमजोर हो रहे अल नीनो और जलवायु परिवर्तन के संयुक्त प्रभाव का परिणाम है.

अप्रैल में औसत तापमान 15.03 डिग्री सेल्सियस रहा, जो 1850-1900 के महीने के औसत से 1.58 डिग्री सेल्सियस अधिक था. यह अप्रैल के लिए 1991-2020 के औसत से 0.67 डिग्री सेल्सियस अधिक था. सी3एस के निदेशक कार्लो बूनटेम्पो ने कहा, वर्ष की शुरुआत में अल नीनो चरम पर था. हालांकि, अल नीनो जैसे प्राकृतिक चक्रों से जुड़े तापमान में बदलाव आते-जाते रहते हैं.

डराते हैं ये आंकड़े

जलवायु एजेंसी ने कहा कि पिछले 12 महीनों (मई 2023-अप्रैल 2024) में वैश्विक औसत तापमान सबसे अधिक दर्ज किया गया है, जो 1991-2020 के औसत से 0.73 डिग्री सेल्सियस अधिक और 1850-1900 के औसत से 1.61 डिग्री सेल्सियस अधिक है. सी3एस के अनुसार, वैश्विक औसत तापमान जनवरी में पहली बार पूरे वर्ष के लिए 1.5 डिग्री सेल्सियस की सीमा को पार कर गया.

जलवायु वैज्ञानिकों के अनुसार, जलवायु परिवर्तन के सबसे बुरे प्रभावों से बचने के लिए देशों को वैश्विक औसत तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने की आवश्यकता है. वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसों मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन की तेजी से बढ़ती सांद्रता के कारण पृथ्वी की वैश्विक सतह का तापमान 1850-1900 के औसत की तुलना में पहले ही लगभग 1.15 डिग्री सेल्सियस बढ़ चुका है. वैश्विक स्तर पर 2023 174 साल के रिकॉर्ड में सबसे गर्म वर्ष था. वैश्विक औसत तापमान बेसलाइन( 1850-1900) से 1.45 डिग्री सेल्सियस ऊपर था.

अल नीनो की उम्मीद कब तक?

एशिया में भयंकर गर्मी ने फिलीपींस में स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है. इंडोनेशिया, मलेशिया और म्यांमार के अलावा, भारत में तापमान रिकॉर्ड तोड़ दिया. इस महीने में संयुक्त अरब अमीरात में 75 वर्षों में सबसे भारी बारिश भी देखी गई. सी3एस वैज्ञानिकों ने यह भी कहा कि अप्रैल लगातार तेरहवां महीना था जब समुद्र का तापमान रिकार्ड स्तर पर सबसे अधिक रहा.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) समेत वैश्विक मौसम एजेंसियां ​​अगस्त-सितंबर तक ला नीनो की स्थिति की उम्मीद कर रही हैं. जबकि अल नीनो की स्थिति भारत में कमजोर मानसूनी हवाओं और शुष्क परिस्थितियों से जुड़ी है. अल नीनो औसतन हर दो से सात साल में होता है और आमतौर पर 9 से 12 महीने तक रहता है.

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