जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (जेकेपीसी) प्रमुख सज्जाद गनी लोन बारामूला लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. लोन ने जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन किया है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला के खिलाफ एक मजबूत दावेदार वह बताए जा रहे हैं. सज्जाद गनी लोन, जो कभी अलगाववादी नेता रहे थे, अब फिर मुख्यधारा में शामिल हुए. वह पूर्व अलगाववादी नेता अब्दुल गनी लोन के बेटे हैं. अब्दुल गनी लोन श्रीनगर ईदगाह में एक रैली में 2002 में मारे गए थे. सज्जाद ने अलगावाद को अलविदा कहकर उनके पिता द्वारा शुरू किए गये संगठन जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस की बागडोर संभाली है और मुख्यधारा की राजनीति में अपना रोल निभाने लगे हैं.
सज्जाद लोन उत्तरी कश्मीर के निवासी हैं और वह इस बारामूला चुनावी क्षेत्र से पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. उमर अब्दुल्ला सज्जाद पर बार-बार बीजेपी की ‘ए’ और ‘बी’ टीम कहकर निशाना साधते आए हैं, जबकि पलटवार में सज्जाद उमर के अतीत में गृह मंत्री की हैसियत से बीजेपी के साथ निभाए गए कार्यकाल को लेकर जवाब देते आए हैं.
सज्जाद लोन ने नवंबर 2014 में जम्मू-कश्मीर में हो रहे विधानसभा चुनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. जिसके बाद उन्होंने उनकी तारीफ के पुल बांधते हुए यह तक कहा था कि प्रधानमंत्री उनको बड़े भाई जैसे लगे. इस बयान के बाद ही सज्जाद को प्रधानमंत्री नरेंद मोदी और बीजेपी के करीब समझा जाने लगा था, जिसको लेकर विपक्ष उन पर निशाना साध रही है.
सज्जाद ने उमर अब्दुल्ला पर साधा निशाना
सज्जाद से टीवी9 से बातचीत करते हुए चुनावी क्षेत्र में लोगों की समस्याओं विशेषकर इस क्षेत्र के विकास की बात की. उनके अनुसार कृषि और पर्यटन क्षेत्र में बीते 70 वर्षों में नही किया गया है.
सज्जाद ने इस पर सवाल कि वह कभी अलगावादी नेता थे और फिर मुख्यधारा में आए. यहां तक कि प्रधानमंत्री की खुलेआम तारीफ की, जिस पर आज भी उनको विपक्ष समय-समय पर निशाना बनाता है, के जवाब में कहा कि उनको मानसिक डॉक्टरों के पास जाना चाहिए, जिनके मोबाइल नंबर वह उनको दिला सकते हैं.
उन्होंने कहा कि उमर अब्दुल्ला को पता है कि सज्जाद एक मजबूत दावेदार हैं. सज्जाद लोन ने कहा कि बीते (2019) के चुनाव में कुछ 4-5 फीसदी वोट का फर्क हुआ था. अभी उनके दल में बहुत बढ़ोत्तरी हुई है. सहयोगी दलों का साथ भी है और आंकड़ों को देखा जाए तो यह सीट उन्होंने जीत ली है, पर वह इसके बाद भी लोगों के ऊपर निर्भर हैं, क्योंकि यह चुनाव जनता की अदालत है और वह लोगों के पास विनम्रता से जा रहे हैं.
धारा 370 को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस पर साधा निशाना
सज्जाद ने कहा कि वह धारा 370 का हटाये जाने के खिलाफ हैं, जिसके लिए वह जेल में भी रहे, पर इस चुनाव में 370 नहीं निकलेगा. उनके अनुसार धारा 370 की बहाली के लिए संविधान में संशोधन करना होगा. 2 या 4 सदस्यों को लेकर संविधान को संशोधित नही कर सकते. उसके लिए 350 सांसद चाहिए. उनका कोई किसी भी राष्ट्रीय पार्टी के साथ गठबंधन नहीं है, लेकिन नेशनल कॉन्फ्रेंस का गठबंधन है.
सज्जाद के अनुसार नेशनल कॉन्फ्रेंस अगर इंडिया गठबंधन से लिखकर ले लें कि वह सत्ता में आते हैं और धारा 370, 35 (ए) और इंटरनल ऑटोनोमी बहाल करेंगे तो वह उनका समर्थन करने को तैयार हैं, पर जब उनका खुद का गठबंधन समर्थन नहीं कर रहा, जब शिव सेना और आम आदमी पार्टी विरोध कर रही फिर क्यों लोगों को झूठ बोला जा रहा है.
सज्जाद लोन के अनुसार 370 के बारे में देश में समय आएगा, जब एक राय बनेगी, लेकिन अभी वह समय नहीं है, क्योंकि अभी 370 को लेकर पूरे देश में माहौल उनके खिलाफ है और अभी वह चाहते हैं कि स्टेटहुड वापस लाया जाए और युवाओं के प्रति सख्त कानून को नरम किया जाए. विशेषकर युवाओं की वैरिफिकेशन और यह यहां भी देश के अन्य राज्यों की तरह होनी चाहिए. यहां के युवाओं को देश के अन्य युवाओं की तरह ही देखा जाना चाहिए.
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