एम-4 राइफल, स्टील की गोलियां… पुंछ आतंकी हमले का चीन कनेक्शन

जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में शनिवार शाम को वायु सेना के काफिले पर हुए आतंकी हमले को लेकर नई जानकारी सामने आई है. हमले के बाद पुलिस और सुरक्षाबलों की ओर से चलाए जा रहे सर्च ऑपरेशन में पता चला है कि आतंकियों ने हमले के लिए जिस गोली का इस्तेमाल किया था वो स्टील की थीं. आमतौर पर गोलियां पीतल की होती है, लेकिन अब आतंकी हमलों के लिए स्टील की गोलियां इस्तेमाल कर रहे हैं.

सूत्रों के मुताबिक, अभी तक की पड़ताल में एक और अहम जानकारी सामने आई है. जांच में पता चला कि आतंकवादियों ने अमेरिकी निर्मित एम-4 राइफल और एके 47 बंदूक के जरिए काफिले पर हमला बोला था. ऐसा पहली बार नहीं है जब आतंकियों ने हमले के लिए स्टील की गोली का इस्तेमाल किया है. पिछले कुछ हमलों में भी स्टील की गोली इस्तेमाल किए जाने की जानकारी सामने आई थी. स्टील की ये गोलियां बुलेटप्रूफ वाहनों और बंकरों को उड़ाने में पूरी तरह सक्षम हैं.

चीन में बन रही स्टील की गोलियां

स्टील की गोलियों को लेकर पहले एक रिपोर्ट सामने आई थी जिसमें बताया गया था कि चीन इसका निर्माण करता है. स्टील की ये गोलियां चीन के जरिए पाकिस्तान पहुंचती है और फिर वहां से सेना के जरिए आतंकियों को इसकी सप्लाई की जाती है. अब आतंकी उसी गोलियों का इस्तेमाल सेना के खिलाफ हमले में कर रहे हैं. पीतल की गोली की तुलना में स्टील की गोलियां सस्ती भी होती हैं और घातक भी होती है.

जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में भारतीय वायु सेना के काफिले पर हमले में शामिल आतंकवादियों को पकड़ने का अभियान रविवार को दूसरे दिन भी जारी है. अधिकारियों ने बताया कि जिले के सुरनकोट इलाके में शाहसितार के पास शनिवार शाम हुए हमले में वायुसेना के पांच कर्मी घायल हो गए थे जिनमें से एक ने सैन्य अस्पताल में दम तोड़ दिया.

कई इलाकों में चलाया जा रहा सर्च ऑपरेशन

उन्होंने कहा कि आतंकवादियों का सफाया करने के लिए शाहसितार, गुरसाई, सनाई और शीनदारा टॉप समेत कई इलाकों में सेना व पुलिस का संयुक्त अभियान जारी है. माना जा रहा है कि हमले के बाद आतंकवादी जंगल में भाग गए. आतंकवादियों के साथ अब तक कोई ‘संपर्क’ नहीं हुआ है और सुरक्षाकर्मियों का तलाश अभियान जारी है.

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