दुनिया इस समय तीन युद्ध देख रही है. इजराइल-फिलिस्तीन, रूस-यूक्रेन और इजराइल-ईरान. दुनियाभर में इन युद्ध के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी हो रहे हैं. कई देशों में कॉलेज और स्कूल के छात्र सड़कों पर उतर कर युद्ध का विरोध कर रहे हैं. लेकिन सरकार उनपर कड़े रुख अपनाती दिख रही है. अमेरिकी और यूरोप के जिन छात्रों ने फिलिस्तीन का समर्थन किया था, उन पर कार्रवाई करते हुए कॉलेज से निष्कासित कर दिया गया था. अब इन बच्चों की मदद के लिए ईरान सामने आया है.
दरअसल, ईरान के शाहिद बेहश्ती विश्वविद्यालय के अध्यक्ष महमूद अघमिरी ने घोषणा की कि फिलिस्तीन का समर्थन करने के लिए निष्कासित अमेरिकी और यूरोपीय छात्रों को स्कॉलरशिप की पेशकश की जाएगी. ईरान की तरफ से ये पेशकश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों का हिस्सा बन गई है.
छात्रों को स्वीकार करते हैं – ईरान
ईरान की यह पेशकश उन ईरानी छात्रों द्वारा जारी विरोध प्रदर्शन के बीच आई है जो अपनी सक्रियता के लिए घर में दमन और कारावास का सामना कर रहे हैं. विश्वविद्यालय के अध्यक्ष महमूद अघमिरी ने कहा, “हम जायोनी कार्यों का विरोध करने के लिए पश्चिमी विश्वविद्यालयों से निकाले गए छात्र-छात्राओं को स्वीकार करते हैं.” उन्होंने कहा कि इस स्कॉलरशिप में फिलिस्तीनी छात्रों के लिए ट्यूशन, आवास और सहायता शामिल होगी.
अमेरिकी विश्वविद्यालयों में फिलिस्तीन समर्थक
ईरानी राज्य मीडिया ने अमेरिकी विश्वविद्यालयों में फिलिस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शनों को बड़े पैमाने पर कवर किया है. ऐसा माना जा रहा है कि ईरानी छात्र सक्रियता पर सरकार की कार्रवाई को कम करके आंका गया है.
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