महाराष्ट्र के तीसरे चरण में पवार परिवार की परीक्षा, अजित पवार का तय होगा भविष्य?

महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में 11 सीटों पर सात मई को वोटिंग है और 258 उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर लगी है. इस फेज में पश्चिमी महाराष्ट्र से सात, कोंकण और मराठवाड़ा से दो-दो सीटों पर चुनाव है. बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए और कांग्रेस के अगुवाई वाले इंडिया गठबंधन के बीच भले ही मुकाबला हो, लेकिन असल अग्निपरीक्षा शरद पवार परिवार की होनी है. एक तरफ सुप्रिया सुले को पिता शरद पवार की विरासत को बचाए रखने की चुनौती है, तो दूसरी तरफ अजित पवार के सियासी भविष्य का फैसला भी तीसरे चरण में होना है.

लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में महाराष्ट्र की बारामती, हातकणंगले, कोल्हापुर, लातूर, उस्मानाबाद, रायगढ़, रत्नागिरी सिंधुदुर्ग, सांगली, सतारा, माधा और सोलापुर सीट पर सात मई को वोटिंग है. एनडीए खेमे से तीसरे चरण की 11 में से 6 सीट पर बीजेपी प्रत्याशी मैदान में हैं. बीजेपी की सहयोगी अजित पवार की नेतृत्व वाली एनसीपी के तीन सीटों पर उम्मीदवार हैं और दो सीट पर एकनाथ नाथ शिंदे की शिवसेना किस्मत आजमा रही है.

वहीं, इंडिया गठबंधन की तरफ से देखें तो तीसरे चरण में कांग्रेस के उम्मीदवार 3 सीटों पर हैं और उसकी सहयोगी उद्धव ठाकरे की शिवसेना चार सीट पर चुनावी मैदान में है. इसके अलावा शरद पवार की एनसीपी के चार उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर लगी है. शरद पवार और अजित पवार खेमे के बीच आमने-सामने की लड़ाई बारामती लोकसभा सीट पर है. 2019 में एनडीए ने एकतरफा जीत दर्ज की थी, लेकिन इस बार के सियासी समीकरण बदले हुए हैं. ऐसे में देखना है कि किसका पलड़ा भारी रहता है?

अजित पवार के भविष्य का फैसला

लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में सभी की निगाहें बारामती सीट पर टिकी हुई हैं क्योंकि यहां पर मुकाबला पवार बनाम पवार के बीच ही है. बारामती, रायगढ़ और उस्मानाबाद सीट पर अजित पवार की पार्टी की प्रतिष्ठा दांव पर है. अजित पवार की एनसीपी इन तीनों सीटों को जीतने में कामयाब रहती है तो महाराष्ट्र की सियासत में उनकी भूमिका अहम हो जाएगी. इस चरण में शरद पवार की भी परीक्षा है कि उनके एनसीपी का परंपरागत मतदाता शिफ्ट हुआ है या उन्हीं के साथ मजबूती से खड़ा है.

बारामती सीट पर शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले के सामने इस बार अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार चुनाव लड़ रही हैं. बारामती को शरद पवार का गढ़ माना जाता है और सुप्रिया तीन बार से इस सीट से सांसद हैं, लेकिन इस बार बीजेपी ने खुद चुनावी मैदान में उतरने के बजाय अजित पवार की पत्नी को आगे कर दांव खेला है. इस तरह बारामती सीट पर नंद और भाभी के बीच फाइट होती दिख रही है. अजित पवार के लिए यह सीट जीतना आसान नहीं है, लेकिन अपने चाचा शरद पवार और बहन सुप्रिया की टेंशन बढ़ा रखी है.

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