दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. इसी को लेकर आज शीर्ष अदालत में सुनवाई हुई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से दिल्ली के मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी पर पांच सवाल पूछे हैं. बता दें, इस मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी. इसमें ईडी के वकील एसवी राजू अदालत को इन सभी सवालों के जवाब देंगे.
जस्टिस संजीव खन्ना ने ईडी के सामने 5 सवाल खड़े किए हैं. इसमें याचिकाकर्ता से लेकर चुनाव से पहले केजरीवाल की गिरफ्तारी तक पर सवाल पूछे गए हैं. ईडी के वकील के पास इन सभी सवालों का जवाब देने के लिए शुक्रवार तक का समय है.
- सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से 5 बड़े सवाल किए हैं. पहले सवाल में जस्टिस संजीव खन्ना ने पूछा कि आम चुनावों से पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल गिरफ्तारी क्यों की गई?
- दूसरे सवाल की बात करें तो कोर्ट ने कहा, “क्या न्यायिक कार्यवाही के बिना आप यहां जो कुछ हुआ है उसके संदर्भ में आपराधिक कार्यवाही शुरू कर सकते हैं. इस मामले में अब तक कुर्की की कोई कार्रवाई नहीं हुई है और यदि हुई है तो दिखाएं कि मामले में केजरीवाल कैसे शामिल हैं.”
- शीर्ष अदालत ने सवाल खड़े करते हुए कहा, “जहां तक मनीष सिसोदिया से जुड़े मामले की बात है, पक्ष और विपक्ष में निष्कर्ष हैं, तो हमें बताएं कि केजरीवाल मामला कहां है?”
- सर्वोच्च न्यायलय ने कहा, “उनका मानना है कि धारा 19 की सीमा, अभियोजन पर जिम्मेदारी डालती है न कि आरोपी पर. इस प्रकार नियमित जमानत की मांग नहीं होती. क्योंकि वे धारा 45 का सामना कर रहे हैं और जिम्मेदारी उन पर आ गई है, तो हम इसकी व्याख्या कैसे करें. क्या हम सीमा को बहुत ऊंचा बनाएं और यह सुनिश्चित करें कि जो व्यक्ति दोषी है उसका पता लगाने के लिए मानक समान हों.
- कोर्ट ने कहा कि कार्यवाही शुरू होने और फिर गिरफ्तारी आदि की कार्रवाई के बीच का इतने समय का अंतराल क्यों?
कोर्ट ने ईडी के वकील से कहा आप इन सभी सवालों के जवाब दें. जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा इस मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को की जाएगी.
केजरीवाल के खिलाफ ठोस तथ्य नहीं- सिंघवी
अदालत की सुनवाई के दौरान केजरीवाल के वकील सिंघवी ने दलील दी कि एमएसआर के बयान के अगले ही दिन राघव को जमानत मिल गई, ED ने जमानत अर्जी का विरोध भी नहीं किया. जिन बयानों के आधार पर केजरीवाल की गिरफ्तारी हुई है, उनमें भी दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई ठोस तथ्य नहीं है. ये बयान सुनी सुनाई बातों पर आधारित है. सिंघवी ने कहा था कि ईडी ने इस मामले में चूहे-बिल्ली का खेल किया है. हालांकि, अभी ईडी की ओर से कोर्ट में दलील रखी जानी है.
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