हिन्दू धर्म में लोग अपने जीवन में घर में खुशहाली, सुख-समृद्धि बनाए रखने के लिए कई तरह के कार्य करते हैं, लेकिन कुछ कार्य ऐसे हैं जिन्हें भूल से भी लोगों को नहीं करने चाहिए. ऐसी मान्यता है कि सूर्यास्त के समय कुछ कार्यों को नहीं करने चाहिए. अगर कोई ऐसा करता है तो उसे अपने जीवन में कई तरह तरह की परेशनियों का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा घर से सुख समृद्धि भी चली जाती है.
हर किसी का सपना होता है कि उसके घर में हमेशा खुशहाली और सुख-समृद्धि बनी रहे और आर्थिक समस्याओं का सामना न करना पड़ें. ऐसे में व्यक्ति अधिक मेहनत करता है, लेकिन कई बार अधिक मेहनत करने के बावजूद भी कुछ लोगों को शुभ फल की प्राप्ति नहीं होती हैं. माना जाता है कि व्यक्ति द्वारा की गई छोटी-छोटी गलतियां भी इसके सुख-समृद्धि में अड़चन पैदा करती हैं.
धर्म शास्त्र में ऐसे से ही चार कामों का वर्णन किया गया है जिन्हें शाम के समय यानि सूर्यास्त के समय बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए. सूर्यास्त के समय इन कामों के करने से घर से खुशियां चली जाती हैं. इसके साथ ही व्यक्ति की तरक्की में रुकावट आती है और पैसों की तंगी का भी सामना करना पड़ता है
चत्वारखिलु कार्याणि संध्याकाले विवर्जयेत्।
आहारं मैथुनं निद्रां स्वाध्यायन्च चतुर्थकम्।।
शाम के समय न करें भोजन
धर्म शास्त्र के अनुसार, सूर्यास्त के समय भोजन नहीं करना चाहिए. इस समय भोजन करने से व्यक्ति अगले जन्म में पशु योनी में जन्म लेता है. इसके अलावा सूर्यास्त के समय किसी भी स्वस्थ व्यक्ति को सोना या फिर लेटना नहीं चाहिए. ऐसा करने से घर में रखा धन जल्दी खर्च हो जाता है और जीवन में आर्थिक समस्याओं के कारण कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
सूर्यास्त के समय भगवान की करें आराधना
सूर्यास्त के समय व्यक्ति के लिए भगवान की आराधना करना शुभ माना जाता है. सूर्यास्त के समय काम भाव को कंट्रोल में रखना चाहिए. इस समय स्त्री और पुरुष को प्रेम प्रसंग से बचना चाहिए. माना जाता है कि इस समय गर्भधारण से उत्पन्न संतान को जीवन में कई कष्टों का सामना करना पड़ सकता है. इस श्लोक में कहा गया है कि शाम के समय वेद और शास्त्रों का अध्ययन नहीं करना चाहिए. इस समय ध्यान और साधना करना उत्तम माना जाता है.
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