नर्मदा के सौंदर्य के साथ बाघों के मूवमेंट देखने पर्यटकों को लुभा रहा जबलपुर सर्किट

बलपुर। गर्मियों में सैरसपाटे की योजनाएं बनने लगी हैं। बहुत से लोग पर्वतों का रुख कर रहे हैं तो बहुतेरे समुद्र तट पर समय व्यतीत करने की योजना बना रहे हैं बहुत से प्रकृति प्रेमी जंगल में भ्रमण करने की भी योजना बना रहे हैं।

संगमरमरी वादियों में बोटिंग करने पर्यटक पहुंच रहे हैं

पर्यटन के लिहाज से जबलपुर एक ऐसा पोटेंशियल डेस्टिनेशन बन गया है जहां संगमरमरी वादियों में बोटिंग के साथ इसके आस-पास वनों में बाघ सहित विभिन्न पशु-पक्षियों को देखने पर्यटक पहुंच रहे हैं। भेड़ाघाट में नर्मदा के सौंदर्य और गौरी घाट की आरती जहां हर वर्ग की प्रिय बनती जा रही है वहीं बाघ प्रेमी जबलपुर से बांधवगढ़, पेंच और कान्हा नेशनल पार्क का भी प्लान बनाकर पहुंच रहे हैं।

आकर्षित कर रहा नर्मदा का तीव्र, गर्मियों में सुकून दे रहा धुआंधार प्रपात

श्व प्रसिद्ध भेड़ाघाट प्रमुख रूप से पंचवटी घाट के नौका विहार, धुआंधार जलप्रपात और चौसठ योगिनी मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। इस स्थान को वर्ल्ड हेरिटेज साइट में लाने की कवायद भी चल रही है। कलचुरी कालीन चौसठ योगिनी मंदिर स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना है। यहां नंदी पर विराजमान शिव-पार्वती की प्रतिमा देखने दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं।

जलप्रपात को देखने के लिए रोप वे पर जाना पर्यटकों को भा रहा

धुआंधार जलप्रपात को देखने के लिए रोप वे पर जाना पर्यटकों को भा रहा है। मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड (एमपीटीबी), जिला पुरातत्व एवं पर्यटन परिषद (डीएटीसीसी) भेड़ाघाट में पर्यटन विकास को लेकर नवीन योजनाओं का क्रियान्वय कर रहा है। एमपीटीबी की महिलाओं हेतु सुरक्षित पर्यटन स्थल योजना का क्रियान्वय भी भेड़ाघाट में किया जा चुका है। यहां महिला गाइड, महिला नौका चालक आदि प्रशिक्षिण के बाद महिला पर्यटकों को सुरक्षित पर्यटन करा रही हैं।

पेंच में वन्यप्राणियों का अनूठा संसार, जंगल का रोमांचक सफर

सिवनी में 1179 वर्ग किलोमीटर में फैला पेंच टाइगर रिजर्व में वन्यप्राणियों के अनूठे संसार की सफारी हर दिन पर्यटकों में रोमांच भर देती है। गर्मी की छुट्टियां बिताने पहुंच रहे पर्यटकों को सफारी के दौरान जंगल में बाघों की मौजूदगी आकर्षित कर रही है। इन दिनों में पेंच में पाटदेव बाघिन और उसके शावक आसानी से नजर आ रहे है। पर्यटकों ने बीजामट्टा बाघिन को तीन शावकों के साथ रविवार को देखा। वहीं खवासा बफर की नाइड सफारी रोमांचित कर रही है।

शावकों के साथ जुगनी बाघिन दिख रही

यहां पर चार शावकों के साथ जुगनी बाघिन दिख रही है। बाघों के अलावा जंगल में तेंदुआ की मौजूदगी देखकर पर्यटक आनंदित हो उठते है। पार्क हर साल जून तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है। पेंच के जंगल को रुडयार्ड किपलिंग की प्रसिद्ध किताब ‘द जंगल बुक’ कहानी के किरदार ‘मोगली’ और ‘शेर खान’ की जन्म स्थली माना जाता है। इस उद्यान के बीचो बीच बहने वाली पेंच नदी के नाम उद्यान को दिया गया है, जो उद्यान दो भागों में बांटती है। तेज गर्मी के बावजूद बांधवगढ़ में पर्यटकों को रोमांचित कर रहे बाघ-बाघिन, ”कांटीवाह” बाघिन देखने पहुंच रहे पर्यटक, 10 माह के तीन शावकों के साथ आ रही नजर। उमरिया के विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में तेज गर्मी के बावजूद पर्यटकों को बाघ दिखाई दे रहे हैं और उन्हें रोमांचित भी कर रहे हैं। कहीं बाघ पानी में अठखेलिया करते हुए दिखाई दे रहे हैं तो कहीं शिकार करते हुए नजर आ रहे हैं।

ऐसे पहुंचे पेंच टाइगर रिजर्व

जबलपुर तक हवाई अथवा रेल मार्ग से पहुंचा जा सकता है। यहां से सिवनी के पेंच तक जाने सड़क मार्ग अच्छा विकल्प है।

– एनएच-30 पर जबलपुर से पेंच का टुरिया गेट 209 किमी दूर है

-कर्माझिरी गेट की दूरी 196 किमी है।

-नागपुर हवाई अड्डे से पेंच का टुरिया गेट 119 किमी दूर है।

बाघ को शिकार करता हुआ देख पर्यटक रोमांचित हो गए

रविवार को बांधवगढ़ के खितौली में बाघों के एक कुनबे ने पर्यटकों के सामने एक हिरण का शिकार कर लिया। बाघ को शिकार करता हुआ देख पर्यटक रोमांचित हो गए। खितौली जोन में सफारी करने पहुंचे पर्यटकों ने एक नहीं बल्कि कई बाघ एकसाथ देखे। एक बाघिन को अपने पूरे कुनबे के साथ शिकार घसीटते हुए देखा। कई पर्यटकों ने इस दृश्य को अपने कैमरों में कैद कर लिया।

पानी के पास कुनबा

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से प्राप्त जानकारी के अनुसार पर्यटकों को खितौली जोन में मूणातारा तालाब के पास बाघिन अपने शावकों के साथ नजर आ रही है। जो बाघिन शिकार के बाद मृत जानवर को घसीटती नजर आई वह ”कांटीवाह” बाघिन थी और यह उसी की टेरेटरी थी। खितौली जोन में इस बाघिन ने अपने तीन शावकों के साथ टेरेटरी बनाई है। बाघिन कांटीवाह की उम्र लगभग 7 वर्ष है और उसके तीन शावकों की उम्र लगभग 10 महीने है। यह बाघिन अक्सर यहीं पर पर्यटकों को दिखाई देती है।

कैसे पहुंचे बांधवगढ़ नेशनल पार्क

जबलपुर से सड़क मार्ग से 200 किलोमीटर, कटनी-बिलासपुर ट्रैक पर उमरिया रेलवे स्टेशन पर उतरकर बांधवगढ़ पहुंचा जा सकता है।

जबलपुर पर्यटन सर्किट में असीम संभावना

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