पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित नहीं हो सका सातरुंडा कंवलका माताजी पहाड़ी क्षेत्र, कागजों में ही चल रही योजना

रतलाम। जिले के सातरुंडा कंवलका माताजी पहाड़ी क्षेत्र को पर्यटन केंद्र के रूप मे विकसित करने को लेकर प्रशासन द्वारा कागजों में अब तक अनेक योजनाएं बनाई जा चुकी है, लेकिन धरातल पर स्थिति शून्य है।

सितंबर 2021 में तत्कालीन कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने कंवलका माताजी क्षेत्र के साथ बिलपांक के विरुपाक्ष महादेव मंदिर क्षेत्र को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने को लेकर संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया था। ढाई वर्ष बीत जाने के बाद भी सातरुंडा कंवलका माताजी पहाड़ी क्षेत्र में विकास के नाम पर कोई काम नहीं हुआ है।

उल्लेखनीय है कि सातरुंडा कंवलका माताजी की पहाड़ी 256 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली है। वन विभाग के अधिकारियों ने कंंवलका माताजी पहाड़ी क्षेत्र में एडवेंचर गतिविधियों, नाइट कैपनिंग, ट्रेकिंग, हर्बल गार्डन के साथ विद्यार्थियों के लिए स्टडी भ्रमण के रूप में उक्त पहाड़ी क्षेत्र को विकसित करने की योजना बनाई थी।

 

सड़क निर्माण कार्य भी अधूरा

 

सिमलावदा से लेकर सातरुंडा कंवलका माताजी पहाड़ी तक मुख्यमंत्री द्वारा 5.1 किमी सड़क की सौगात क्षेत्रवासियों को दी गई थी। इसे लेकर सिमलावदा से लेकर सातरुंडा पहाड़ी से कुछ दूर पहले तक डामरीकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है। साथ ही पहाड़ी क्षेत्र में भी सीसी रोड का निर्माण कार्य किया जाना था। निर्माण कार्य वर्तमान स्थिति में अधूरा पड़ा है। सीसी रोड को पहाड़ी के नीचे सातरुंडा-बिरमावल रोड से जोड़ना शेष है। साथ ही रोड के आसपास साइड का निर्माण बाकी है।

रात में पसरा रहता है अंधेरा

 

सातरुंडा कंवलका माताजी पहाड़ी क्षेत्र में पर्याप्त लाइट की व्यवस्था नहीं है। इसके कारण कंवलका माताजी पहाड़ी क्षेत्र में शाम होते ही अंधेरा पसर जाता है। शाम होने के बाद भक्त माता के दर्शन के लिए आने में संकोच करते हैं। जानकारी के अनुसार पहाड़ी क्षेत्र में दो वर्ष पूर्व एसडीएम द्वारा 10 सौर ऊर्जा लाइट लगाई गई थी, लेकिन पहाड़ी क्षेत्र अधिक होने के कारण ये लाइट उक्त क्षेत्र के लिए पर्याप्त नहीं है।

 

 

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