क्या अगले 12 घंटे में ईरान, न्यूक्लियर बम तैयार कर सकता है? क्या इजरायली धरती को रईसी एटमी प्रहार से दहला सकते है या फिर 79 साल बाद फिर से जंग में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल हो सकता है? आखिर ये आशंकाएं क्यों जतायी जा रही हैं? तो इनके पीछे की वजह है, ईरान के एक सांसद का सनसनीखेज बयान जिसमें कहा गया है कि आधे दिन में ईरान एटम हथियार तैयार कर सकता है.
शायद इसी बयान के बाद इजरायल ही नहीं बल्कि अमेरिका तक के होशफाख्ता हो गए हैं. अमेरिका ने मिडिल ईस्ट में अपने जंगबाजों की तैनाती कर दी है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ईरान पर अमेरिका-इजरायल एक साथ मिलकर धावा बोलेंगे या फिर ईरान अपने परमाणु बम से रेगिस्तान को थर्रा देगा. बता दें ईरान की न्यूक्लियर वॉर्निंग और हूती के बारूदी ट्रेलर के बाद US एयरफोर्स ने अपने जंगबाजों की तैनाती मीडिल ईस्ट के दो अलग-अलग ठिकानों पर बड़ा दी है.
सऊदी और कतर में तैनात हुए अमेरिकी विमान
इटली में मौजूद NATO के एवियानो एयरबेस पर तैनात F-16 फाल्कन लड़ाकू विमान ने उड़ान भरी और एवियानो एयरबेस से करीब 4000 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए सऊदी के प्रिंस सुल्तान एयरबेस पर लैडिंग की है. इतना ही नहीं अमेरिकी F-16 फाइटर जेट की एक टुकड़ी सऊदी में डिप्लॉय की गयी. तो वहीं F-16 लड़ाकू विमान की दूसरी स्क्वाड्रन कतर के Emiri नेवल बेस पर भेजी गयी. जो कि NATO के एवियानो एयरबेस से करीब 4150 किलोमीटर दूर है.
अमेरिका नया प्लान
मिडिल ईस्ट में अमेरिका ने अपने F-16 की तैनाती कर दी है. ये बाइडेन का कोई मामूली दांव नहीं है, सऊदी और कतर के बेस पर F-16 की तैनाती के साथ ही अमेरिका एक साथ 2 मोर्चों पर बढ़त हासिल कर सकता है. सऊदी अरब के सुल्तान प्रिंस एयरबेस और कतर के एमीरी नेवल बेस से अमेरिका कभी भी और किसी भी वक्त यमन और ईरान पर एक साथ धावा बोल सकता है. यानी अब तक जो रणनीति ईरानी प्रेसिडेंट रईसी इजरायल और अमेरिका के खिलाफ इस्तेमाल करते आ रहे थे.अब उसी युद्धनीति के जरिए बाइडेन ईरान और यमन को एक साथ चित करने की तैयारी कर रहे हैं.
कैसे देगा अब ईरान जवाब?
अब ये देखना होगा कि बाइडेन के इस दाव का जवाब ईरान और उसके प्रॉक्सी संगठन कैसे देते हैं. क्योंकि अगर ईरान ने एटम बम बना लिया, तो मुमकिन है जल्द ही उसका टेस्ट करेगा या फिर एटमी वॉरहेड का इस्तेमाल इजरायल के खिलाफ भी कर सकता है. ऐसे में आशंका ये भी जतायी जा रही है कि ईरान परमाणु बम बनाएं. उससे पहले ही बाइडेन के जंगबाज ईरान के न्यूक्लियर प्रोगार्म को एयर स्ट्राइक के जरिए नेस्तनाबूद कर सकते हैं.
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