संघ लोकसेवा आयोग (UPSC) ने सिविल सेवा परीक्षा 2023 के रिजल्ट 16 अप्रैल को घोषित कर दिए. देश की सबसे कठिन परीक्षा में इस बार 51 मुस्लिम छात्रों ने बाजी मारी, जिसमें तीन मुस्लिम लड़कियों का नाम टॉप 100 की लिस्ट में शामिल रहा. साथ ही 19 लड़कियों ने एग्जाम में कामयाबी हासिल कर इतिहास रच दिया. यूपीएससी में धीरे-धीरे मुस्लिम छात्रों की संख्या में इजाफा हुआ है. खासकर लड़कियों की तादाद बढ़ती हुई दिखाई दे रही है. पिछले सालों के रिजल्ट देखें तो इस बार सबसे ज्यादा मुस्लिम उम्मीदवारों ने यूपीएससी की परीक्षा में कामयाबी हासिल की.
साल 2009 में यूपीएससी की परीक्षा में 31 मुस्लिम उम्मीदवार सफल थे. वहीं, 2010 में उनकी संख्या घटकर 21 हो गई थी. इसके बाद साल 2011 में 31 मुस्लिम उम्मीदवार तो 2012 में 30, 2013 में 34 उम्मीदवार सफल हुए थे. साल 2021 में 25 तो साल 2022 में 29 ने सफलता हासिल की थी. लेकिन समय के साथ लड़कियों ने इस तरफ कदम बढ़ाए हैं. चलिए इतिहास के पन्ने पलट कर देखते हैं कि कैसे धीरे-धीरे मुस्लिम लड़कियों ने हासिल की यूपीएससी में सफलता.
यूपीएससी में सफल होने वाली पहली मुस्लिम महिला
साल 1969 में पहली मुस्लिम लड़की जिन्होंने यूपीएससी की दुनिया में कदम रखा वो परवीन तलहा थी. परवीन तलहा न सिर्फ यूपीएससी क्रेक करने वाली पहली मुस्लिम महिला थी बल्कि राजस्व सेवा (Revenue Service) में शामिल होने वाली भी पहली मुस्लिम महिला बनीं. भारतीय सिविल सेवा में उनकी सेवाओं के लिए उन्हें भारत सरकार ने साल 2014 में चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से भी नवाजा. आईये जानते हैं 1969 से लेकर कैसे धीरे-धीरे मुस्लिम लड़कियों के लिए यूपीएससी के दरवाजे खुले.
साल 2010 में मिली कामयाबी
यूपीएससी की साल 2010 की परीक्षा में कुल 920 उम्मीदवारों ने सफलता हासिल की थी. जिसमें 31 मुस्लिम छात्रों ने सफलता हासिल की. जिसमें केवल 4 मुस्लिम लड़कियों के नाम शामिल थे. अनम बेनिश,अंजुम आरा, मोहसिना तबस्सुम और ओवेसा इकबाल. बता दें, साल 2010 में ओवेसा इकबाल कश्मीर से यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल करने वाली पहली मुस्लिम छात्रा बनीं. अपनी कहानी सुनाते हुए ओवेसा इकबाल ने बताया कि यूपीएससी का रास्ता आसान नहीं था.
2021 में कितनी सफलता मिली
साल 2012 में कुल 998 सफल उम्मीदवारों में से केवल 30 मुस्लिम छात्र शामिल थे. जिसमें सिर्फ 3 ही मुस्लिम लड़कियों शमा परवीन, मूना यास्मीन, रुवेदा सलाम ने कामयाबी हासिल की थी. साल 2021 की बात करें तो यूपीएससी में कुल 685 उम्मीदवारों में से 25 मुस्लिम छात्रों ने सफलता दर्ज की. मुस्लिम उम्मीदवारों में टॉप रैंक 109 रही जो अरीबा नोमान ने हासिल की थी. साल 2021 में पांच मुस्लिम लड़कियों ने सफलता हासिल की थी. जिन में अरीबा नोमान समेत नाजिश उमर अंसारी, शुमैला चौधरी, मुस्कान डागर, तहसीनबानू दवाडी का नाम शामिल हैं.
2022 में तादाद में हुआ इजाफा
साल 2022 में, 29 मुस्लिम उम्मीदवारों ने यूपीएससी क्रैक कर इतिहास में अपना नाम दर्ज किया, जो सफल उम्मीदवारों की कुल संख्या का लगभग 3% था. धीरे-धीरे यूपीएससी में जगह बनाते-बनाते जहां 3 और 4 मुस्लिम लड़कियां ही सफल हो पाती थी, वहीं साल 2022 में सफल मुस्लिम लड़कियों की तादाद में इजाफा देखा गया. साल 2022 में 10 मुस्लिम लड़कियों ने सफलता हासिल की. जिसमें मुस्कान डागर (AIR-72), रुहानी (AIR-159), आयशा फातिमा (AIR-184), रशीदा खातून (AIR-354), ऐमन रिजवान (AIR-398), काजी आयशा इब्राहिम (AIR-586), तस्कीन खान (AIR-736), फातिमा हारिस (AIR-774), इरम चौधरी (AIR-852), शेरिन शाहाना टी के (AIR-913) ने कामयाबी हासिल की.
साल 2023 में रचा इतिहास
साल 2023 का रिजल्ट 16 अप्रैल 2023 में घोषित हुआ. जिसमें 1016 कैंडिडेट्स इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (IAS), इंडियन पुलिस सर्विस (IPS) और इंडियन फॉरेन सर्विस (IFS) के लिए चुने गए हैं. इस लिस्ट में मुस्लिम छात्रा नौशीन ने टॉप 10 में अपनी जगह बनाई, गोरखपुर की नौशीन ने नौवा स्थान हासिल किया. जिसके साथ साल 2023 में 51 मुस्लिम छात्रों ने इस एग्जाम में सफलता हासिल की. साल 2023 में 18 मुस्लिम लड़कियों ने कामयाबी हासिल की. जिसमें टॉप 100 में तीन मुस्लिम लड़कियों नौशीन (AIR 9), वरदा खान (AIR 18) और फैबी रशीद (AIR 71) शामिल हैं.
इसी के साथ अरफा उस्मानी (AIR 111) खान साइमा सेराज अहमद (AIR 165), फरहीन जाहिद (AIR 241)अरीबा सगीर (AIR 253)फातिमा शिम्ना परावथ (AIR 317)शाहिदा बेगम एस (AIR 323)अरीबा नोमान (AIR 339)अलीफा खान (AIR 418)जोहरा बानो (AIR 469)सीरत बाजी (AIR 516)नाजिया परवीन (AIR 670)सोफिया सिद्दीकी (AIR 758)घांची गजाला मोहम्मदधनीफ (AIR 825)नजमा ए सलाम (AIR 839) इंबा एस (AIR 851) ने सफलता अपने नाम की.
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