इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा संपत्ति पर अमेरिका का सिस्टम समझाकर विवादों में आ गए. उन्होंने कहा कि अमेरिका में जो भी मरता है, वह सिर्फ अपनी 45 फीसदी संपत्ति अपने बच्चों को दे सकता है, बाकी की 55 फीसदी सरकार को दे दी जाती है, जिसको गरीबों में बांट दिया जाता है. उनके इस बयान से कांग्रेस ने भी किनारा कर लिया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि ये उनका निजी विचार हो सकता है. पित्रोदा के विचार हमेशा कांग्रेस की स्थिति को दर्शाते हैं. कई बार ऐसा नहीं भी होता है.
हालांकि विवाद बढ़ने के बाद सैम पित्रोदा ने सफाई भी दी. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका में विरासत कर पर एक व्यक्ति के रूप में मैंने जो कहा उसे मीडिया ने तोड़-मरोड़ कर पेश किया. प्रधानमंत्री की मंगलसूत्र और सोना छीनने की टिप्पणी बिल्कुल अवास्तविक है.
पित्रोदा ने आगे कहा कि मैंने टीवी पर अपनी सामान्य बातचीत में केवल एक उदाहरण के तौर पर अमेरिका में विरासत कर का उल्लेख किया था. क्या मैं तथ्यों का उल्लेख नहीं कर सकता? मैंने कहा कि ये ऐसे मुद्दे हैं जिन पर लोगों को चर्चा और बहस करनी होगी. इसका कांग्रेस सहित किसी भी पार्टी की नीति से कोई लेना-देना नहीं है.
जयराम रमेश ने क्या कहा?
सैम पित्रोदा के बयान पर जयराम रमेश ने कहा, सैम पित्रोदा मेरे सहित दुनिया भर में कई लोगों के गुरु, मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक रहे हैं. उन्होंने भारत के विकास में असंख्य, स्थायी योगदान दिया है. वह इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष हैं. पित्रोदा उन मुद्दों पर खुलकर अपनी राय व्यक्त करते हैं जिनके बारे में वे दृढ़ता से महसूस करते हैं. निश्चित रूप से, लोकतंत्र में एक व्यक्ति अपने व्यक्तिगत विचारों पर चर्चा करने, व्यक्त करने और बहस करने के लिए स्वतंत्र है.
उन्होंने आगे कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि पित्रोदा के विचार हमेशा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थिति को दर्शाते हैं. कई बार ऐसा नहीं भी होता है.
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