बुरहानपुर के इस हनुमान मंदिर में तिल-तिल कर बढ़ रही मूर्ति, साठ साल में दो फीट से ज्यादा बढ़े अंजनि पुत्र

बुरहानपुर। पवन सुत और अंजनि पुत्र सहित कई नामों से पूजे जाने वाले श्रीराम भक्त हनुमान जी का जन्मोत्सव मंगलवार को हर गांव और शहर में जगह-जगह मनाया जाएगा। इसकी तैयारियां मंदिर समितियों ने पहले से ही शुरू कर दी थीं। इस हनुमान जयंती महोत्सव पर हम मप्र के बुरहानपुर जिले के ऐसे मंदिर से आपको परिचित कराएंगे, जहां विराजित हनुमान जी की मूर्ति सैकड़ों सालों से तिल-तिल कर बढ़ रही है। वर्तमान में इस मूर्ति की ऊंचाई पांच फीट से ज्यादा हो गई है। हलांकि कोई भी यह नहीं जानता कि इसकी स्थापना किसने कराई और मूर्ति कब से बढ़नी प्रारंभ हुई।

पांच सौ साल पुरानी मूर्ति

हम बात कर रहे हैं शहर के ट्रांसपोर्ट नगर के पास स्थित रोकड़िया हनुमान मंदिर की, जहां आज प्रभु के जन्मोत्सव पर मेले और भंडारे का आयोजन होगा। मंदिर के पुजारी संदीप शुक्ला बताते हैं कि यहां स्थापित मूर्ति करीब पांच सौ साल पुरानी है। साल 1962 में यह मूर्ति करीब तीन फीट की और साल 1980 में साढ़े तीन फीट के आसपास थी।

बुजुर्ग बताते हैं कि इसके पूर्व यह मूर्ति और छोटी थी। जैसे-जैसे मूर्ति बढ़ती गई, मंदिर का विस्तार भी होता गया। पहले छोटे से मंदिर में मूर्ति विराजित थी। अब यहां पर्यटन विभाग और जन सहयोग से बड़ा परिसर व धर्मशाला बन चुकी है। भक्तों का दावा है कि रोकड़िया हनुमान जी धन की कमी भी दूर करते हैं। यही वजह है कि यहां हर शनिवार और मंगलवार को बड़ी संख्या में भक्त पूजन के लिए पहुंचते हैं।

रोकड़िया हनुमान नाम पड़ने की भी है दिलचस्प कहानी

इस मंदिर का नाम रोकड़िया हनुमान पड़ने के पीछे भी दिलचस्प कहानी है। यहां आने वाले बुजुर्ग और मंदिर के पुजारी बताते हैं कि सैकड़ों साल पहले बैंक नहीं होते थे। व्यापारी किसी सुरक्षित स्थान पर अपनी मुद्राएं व कीमती वस्तुएं रख देते थे। पूर्व में मंदिर से लगी पांव बावड़ी थी। इसे अब ढक दिया गया है। इस बावड़ी के अंदर एक तलघर था। क्षेत्र के व्यापारी जब व्यापार करने दूसरे देश जाते थे तो अपना धन उस तलघर में रखकर हनुमान जी को उसकी सुरक्षा का जिम्मा सौंप जाते थे। वे जब लौटते थे तो उनका धन सुरक्षित मिलता था। जिसके चलते इस मंदिर का नाम रोकड़िया हनुमान मंदिर पड़ गया।

जन्मोत्सव पर कई स्थानों पर होंगे भंडारे

मंगलवार को भगवान श्रीराम के परम भक्त श्री नुमान जी के जन्मोत्सव पर सुबह से मंदिरों में पूजन, हनुमान चालीसा व रामायण का पाठ आदि होगा। इसके बाद भंडारों का आयोजन होगा। रोकड़िया हनुमान के अलावा, इच्छेश्वर हनुमान मंदिर, लालबाग के श्री हनुमान बाग, कृषि उपज मंडी, गोकुल चंद्रमा मंदिर सहित अन्य स्थानों पर धार्मिक अनुष्ठान होंगे। लालबाग में सुबह आठ बजे श्री हनुमान जी की आरती होगी और शाम सात बजे आदित्य भाई मुखिया द्वारा जन्मोत्सव मनाया जाएगा। रात आठ बजे श्री हनुमान जी की महाआरती एवं प्रसाद वितरण होगा। जिसमें सैकड़ों लोग शामिल होंगे।

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