जानें कैसे धधक उठा 46 मीट्रिक टन कूड़े का पहाड़… कितना हुआ नुकसान, अब क्या है स्थिति?

गाजीपुर लैंडफिल साइट पर रविवार की दोपहर करीब 2 बजे कूड़े के ढेर में आग लग गई. इसे कूड़े का ढेर न कहते हुए ‘पहाड़’ कहा जा सकता है क्योंकि यहां करीब 84 मीट्रिक टन कूड़ा मौजूद है. इतने बड़े कूड़े का ढेर या ‘पहाड़’ में आग लगने से इलाके के लोग बैचेन हैं, उन्हें सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन हो रही है. इसी बीच कूड़े के ढेर में लगी आग की लपटों की तरह सियासत की लपटें भी तेज हो गईं हैं. इसको लेकर आप-बीजेपी के नेता आमने सामने आ गए हैं.

‘कूड़े के पहाड़’ को धधकते हुए 22 घंटे बीत चुके हैं. आम आदमी पार्टी की शिक्षा मंत्री आतिशी का कहना है कि आग पर काबू पा लिया गया है. कूड़े के ढेर से धुआं निकल रहा है. दिल्ली एमसीडी के डिप्टी मेयर आले मोहम्मद इकबाल मौके पर मौजूद रहे. बीजेपी दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा सहित भाजपा का एक डेलिगेशन भी मौके पर पहुंचा. उन्होंने आप सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है.

10 फायर टेंडर पहुंचे मौके पर

गाजीपुर लैंडफिल साइट पर कूड़े के ढेर में आग लगने की जानकारी फायर ब्रिगेड को दी गई. पहले वहां चार फायर टेंडर आग बुझाने के लिए भेजे गए. आग का विकराल रूप देख बाद में 10 फायर टेंडर मौके पर भेजे गए. हवा चलने से आग ओर विकराल होती रही. आग लगने से कूड़े के ढेर से धुआं निकलने से लोग परेशान हो उठे. इलाके की कई कॉलोनियां इससे प्रभावित हो गईं. लोगों को सांस लेने में दिक्कत और आंखों में जलन की शिकायत हुई.

बारिश से मिली राहत

रविवार रात बारिश होने की वजह से आग पर काबू पाने में राहत मिली. बारिश होने से बुझाने में फायर ब्रिगेड की टीम को फायदा मिला है. रात में फायर ब्रिगेड ने उन स्थानों को चिन्हित किया, जहां पर आग लगी हुई है, ताकि उस जगह पर पानी की बौछार डालकर आग को बुझाया जा सके. आग अब ही भी कूड़े के ढेर में धधक रही है. ढेर से धुआं उठ रहा है. दमकलकर्मी आग बुझाने के लिए कोशिश करने में जुटे हुए हैं.

बुझ गई है कूड़े में लगी आग: आतिशी

कूड़े के ढेर में लगी आग की खबर पाकर दिल्ली एमसीडी के डिप्टी मेयर आले मोहम्मद इकबाल मौके पर पहुंचे. उनकी निगरानी में आग पर काबू किए जाने का कार्य चला. दिल्ली सरकार की शिक्षा मंत्री आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आग पर काबू पा लेने की बता कही. उन्होंने कहा कि गाजीपुर लैंडफिल साइट पर कूड़े के ढेर में लगी आग पर काबू पा लिया गया है. कूड़े के ढेर से अभी धुआं निकल रहा है. कूड़े में आग कैसे लगी या आग किसने लगाई इसकी जांच कराई जा रही है. उन्होंने आगे कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली में जो गंदगी फैलाई है आप सरकार उसे साफ कर रही है, जिसमें कुछ वक्त लग रहा है. आम आदमी पार्टी दिल्ली में स्थित कूड़े के ढेरों की उंचाई और चौड़ाई लगातार कम रही है.

आग लगने के ये हैं कारण!

दरअसल, कूड़े के पहाड़ के नीचे कई तरह की ज्वलनशील गैस बन जाती है जिनमें मेथेन भी है. शुष्क मौसम और हीट से उनमें आग लग जाती है. हवाओं के करण यह तेजी से फैलती है. हालांकि, दिल्ली सरकार इसकी जांच की बात कह रही है. साल 2022 में भी कूड़े के पहाड़ में तीन बार आग लगी थी. एक बार 50 घंटे से ज्यादा का वक्त उस आग को बुझाने में लगा था. फिलहाल उम्मीद की जा रही है कि सोमवार रात तक गाजीपुर के कूड़े के ढेर में लगी आग पर पूरी तरह काबू पाया जा सकेगा.

हटाने का क्या प्लान था, आगे क्यों नहीं बढ़ पाया?

साल 2019 में गाजीपुर लैंडफिल साइट पर करीब 140 मीट्रिक टन कूड़ा था. यहां कूड़े का ढेर खत्म कर पार्क बनाने के प्रोजेक्ट पर कम चल रहा है. 2024 तक यहां से सारा कूड़ा हटाने का लक्ष्य था. अब तक साइट से 46 मीट्रिक टन कूड़ा हटाया जा सका है. अभी 84 मीट्रिक टन कूड़ा बाकी है. दिल्ली नगर निगम के प्रेस एवं सूचना निदेशक अमित कुमार ने मीडिया को बताया कि स्थायी समिति के गठन न होने के कारण कूड़ा हटाने के लिए दूसरी एजेंसी का चयन नहीं हो पा रहा है, जिससे कूड़ा निस्तारण का काम धीमा चल रहा है.

बीजेपी ने लगाए आम आदमी पार्टी पर आरोप

बीजेपी दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा सहित भाजपा का एक डेलिगेशन गाजीपुर लैंडफिल साइट पर मुआयना करने पहुंचा. इस बीच वीरेंद्र सचदेवा ने आम आदमी पार्टी पर कई गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि ‘आप’ ने कूड़े के इस पहाड़ पर भी भ्रष्टाचार कर रखा है. वीरेंद्र सचदेवा का कहना है कि वो खुद मयूर विहार में रहते हैं और खुद इस परेशानी से परिचित हैं. अरविंद केजरीवाल ने नगर निगम चुनाव में जनता से वादा किया था कि दिसंबर 2023 तक इस कूड़े के पहाड़ को खत्म कर देंगे लेकिन उस वादे का क्या हुआ. एक नया पहाड़ बनकर तैयार हो गया.

उन्होंने आरोप लगाए कि पिछले 1 साल में सिर्फ लूट का शासन किया है. प्राकृतिक आपदाओं से बचने की तैयारी का काम सरकार का है. आम आदमी पार्टी की सरकार ने कूड़े के पहाड़ को कम क्यों नहीं किया. इस कूड़े के पहाड़ को खत्म करने के लिए विजन और नियत चाहिए, जिस दिन यह तय हो जाएगा उसी दिन यह पहाड़ हट जाएगा.

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