हर समय महसूस होती है कमजोरी और थकावट, तो इन 2 योगासन से करें दिन की शुरुआत

आजकल मौसम में भागदौड़ करने के कारण थकावट और कमजोरी महसूस होना बहुत आम बात है. ऐसे में अपनी सेहत का ख्याल रखना बहुत जरूरी होता है. जिसके लिए आपको लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करने होंगे. जैसे की खान-पान, सोने और उठने का सही रूटीन. इसी के साथ ही अगर आप रोजाना सुबह उठकर योग करेंगे, तो इससे सारा दिन शरीर में चुस्त-दुरुस्त रखने में मदद मिल सकती है. योग हमारे शरीर के लिए कई तरह से फायदेमंद साबित होता है. ये हमें कई स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं से दूर रखने में मदद करता है. वैसे तो आपको कमजोरी महसूस किसी भी हेल्थ प्रॉब्लम्स या फिर न्यूट्रिशन की कमी के कारण हो सकती है. इसलिए उसकी जांच कराना और एक्सपर्ट से सलाह लेना भी जरूरी है.

लेकिन कुछ ऐसे योगासन हैं, जिन्हें अगर सुबह उठकर किया जाए, तो ये शरीर को दिनभर एनर्जेटिक रखने में मददगार साबित हो सकते हैं. इसलिए रोजाना सुबह कुछ मिनट का समय अपने लिए निकालकर योग का अभ्यास करना बहुत जरूरी होता है.

भुजंगासन

भुजंगासन शरीर को एनर्जेटिक और मांसपेशियों को मजबूत बनाए रखने में मददगार साबित हो सकता है. साथ ही ये हमारी मेंटल हेल्थ को दुरुस्त रखने में मदद कर सकता है. ये शरीर में लचीलापन लाने और बेली फैट को कम करने में भी फायदेमंद साबित हो सकता है.

भुजंगासन करने का तरीका

इस आसन को करने के लिए योगा मैट पर पेट के बल लेट जाएं. अब अपनी दोनों हथेलियों को अपनी छाती के पास रखें और उनपर अपना वजन डालते हुए अपनी गर्दन को ऊपर की तरफ उठाएं. फिर सर के साथ ही नाभि को भी ऊपर की तरफ उठाएं. जैसे कि आप छत की तरफ देख रहे हो. 10 से 15 सेकंड इस स्थिति में रहने के बाद अपनी नॉर्मल पोजीशन में वापिस आ जाएं.

ज्ञान मुद्रा

आजकल लोग अपनी जिम्मेदारियों के बीच भागदौड़ में लगे रहते हैं. ऐसे में कई बार परेशानियों के चलते इंसान स्ट्रेस महसूस करने लगता है. इसकी वजह से उनके व्यवहार में बदलाव तो आता ही है, साथ ही उनका कुछ काम करने में सही से मन नहीं लगता है बल्कि बोरियत और थकावट महसूस होने लगती है. ऐसे में उन्हें इस भागदौड़ के बीच अपने दिमाग और मन को शांत रखने के कोशिश करनी चाहिए. जिसके लिए वो ज्ञान मुद्रा अपना सकते हैं. इसे करने से आपको कंसंट्रेशन पावर और मेंटल स्ट्रेंथ को बढ़ाने में मदद मिल सकती है.

ज्ञान मुद्रा को ध्यान मुद्रा के नाम से भी जाना जाता है. इस मुद्रा को करने के लिए ध्यानात्मक आसन मे बैठ जाए. कमर और गर्दन को सीधा रख लें, साथ ही हाथो की कलाईयों को घुटनों पर रख ले. अब दोनों हाथो की तर्जनी उंगलियों के सिरे को मोड़ कर उसको अंगूठे के साथ मिला दे. बाकी तीनो उंगलियों को सीधी रखकर आपस में मिला ले. अब कंफर्टेबल स्थिति में आखे बंद करके ध्यान की अवस्था में बैठे रहें.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.