मादा चीता वीरा को मुरैना से रेस्क्यू कर वापस लाया गया कूनो नेशनल पार्क

मुरैना। लगभग एक माह से चंबल के जंगलों में रह रही मादा चीता वीरा को अंतत: रेस्क्यू करके ही कूनो में वापस ले जाना पड़ा। गुरुवार की शाम जौरा के जंगलों में करीब दो घंटे तक वीरा चीता का रेस्क्यू हुआ, जिसे रात में ही सकुशल कूनो नेशनल पार्क में शिफ्ट कर दिया गया है।

गौरतलब है, कि नर चीता पवन पिछले माह कूनो नेशनल पार्क की सीमा को लांघकर पहाड़गढ़ के जंगलों में आ गया, इसके पीछे मादा चीता वीरा भी आ गई।

चीता पवन तो पांच दिन बाद फिर कूनो में पहुंच गया, लेकिन वीरा चीता चंबल के जंगलों में डेरा जमाए रही। यहां कई गांव के आबादी क्षेत्र से लेकर खेतों तक भी पहुंची व पशुओं को शिकार भी किया। ग्रामीणों तक पहुंचने से कई बार दहशत की स्थिति भी बन गई।

ऐसे हालातों में चीता को कोई क्षति न पहुंचा दे, इसीलिए कूनो नेशनल पार्क ने अंतत: वीरा चीता के रेस्क्यू का निर्णय लिया, क्योंकि यह मादा चीता स्वत: ही कूनो में वापस जाने की हालत में नहीं दिख रही थी।

गुरुवार की शाम को जौरा क्षेत्र के चांचुल गांव के जंगल की घाटियों में मादा चीता को विशेषज्ञों ने ट्रेंकुलाइज कर बेहोश किया, फिर उसे रात में ही कूनो ले जाकर खुले जंगल में छोड़ा गया है। सीसीएफ उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि चीता की सुरक्षा के लिहाज से उसे ट्रेकुलाइज कर वापस कूनो में लाया गया है।

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