जबलपुर। नेताजी सुभाषचंद्र बोस केंद्रीय कारागार में रविवार को बंदियों के लिए स्वास्थ्य परीक्षण शिविर आयोजित किया गया। शिविर का आयोजन मप्र उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति की ओर से किया गया। शिविर का शुभारंभ मप्र उच्चन्यायालय के न्यायाधीश और मप्र उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष विवेक अग्रवाल के मुख्य आतिथ्य में हुआ। उन्होंने शिविर को संबोधित करते हुए कहा कि जेलों में टेलीमीडिसन की सुविधा प्रारंभ करें, ताकि बंदियों को बेहतर उपचार सुलभ
358 पुरुष, 54 महिला बंदी और तीन बच्चों के स्वास्थ्य का परीक्षण किया
उन्होंने जबलपुर जेल में आयोजित शिविर का भौतिक निरीक्षण किया। भोपाल, नर्मदापुरम्, नरसिंहपुर, सागर, रीवा एवं सतना कारागार में आयोजित स्वास्थ्य शिविरों का वीडियों कान्फ्रेसिंग के माध्यम से अवलोकन किया। शिविर में 19 चिकित्सकों के दल ने 358 पुरुष बंदी, 54 महिला बंदी और तीन बच्चों के स्वास्थ्य का परीक्षण किया। उन्हें उचित परामर्श और उपचार दिया गया। इस दौरान विधिक सहायता शिविर भी आयोजित किया गया।
राज्य शासन की क्षमा का लाभ प्राप्त होने पर 12 बंदी कारागार से रिहा
कार्यक्रम में न्यायाधीश अग्रवाल को गार्ड आफ आनर दिया गया। न्यायाधीन, कारागार में नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की शयिका पर पहुंचे और पुष्पांजली अर्पित की। नेताजी जिस वार्ड में बंदी थे, उसे भी देखा। अच्छे आचरण के आधार पर आजीवन कारावास की सजा से दंडित 12 बंदी को राज्य शासन की क्षमा का लाभ प्राप्त होने पर रविवार को कारागार से रिहा गया गया है। इस अवसर पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश आलोक अवस्थी, मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में अतिरिक्त सचिव सुधांशु सक्सेना, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति के रजिस्ट्रार एवं सचिव अनिल कुमार, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अवधेश कुमार श्रीवास्तव, म.प्र.राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के उप-सचिव अनिरूद्ध जैन, जेल अधीक्षक अखिलेश तोमर, जिला विधिक सहायता अधिकारी बीडी दीक्षित उपस्थित थे।
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