राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे गुरुग्राम में बैंक में करोड़ों रुपयों की ठगी का मामला सामने आया है. यही ठगी कोई और नहीं प्राइवेट येस बैंक के कर्मचारियों ने की है. प्राइवेट बैंक में काम कर रहे ऐसे दो कर्मचारियों को साइबर थाना पुलिस ने पांच अन्य साथियों के साथ गिरफ्तार किया है. यह दोनों येस बैंक के कर्मचारी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक खाता खोलने के साथ ही साइबर ठगी को भी अंजाम देते थे.
पुलिस की जांच में पता चला कि ये लोग बैंक के खाते को ठगी की रकम वसूलने के लिए उपलब्ध कराते थे. इसके लिए बकायदा यह लोग कमीशन भी लेते थे. पुलिस ने पकड़े गए इन आरोपियों के पास से 1 करोड़ 32 लाख रुपए की राशि रिकवर कर पीड़ित को लौटाई है.
दो बैंक कर्मचारी समेत 7 गिरफ्तार
साइबर क्राइम के एसीपी प्रिंयांशु दिवान ने बताया कि 3 फरवरी को साइबर थाना ईस्ट पुलिस में एक बुजुर्ग ने शिकायत दर्ज कराई थी. स्टॉक में निवेश करने के नाम पर एक व्यक्ति ने उनसे एक करोड़ 32 लाख रुपए की ठगी की थी. मामले में जांच के दौरान पुलिस ने येस बैंक के दो कर्मचारियों सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया है. बैंक कर्मचारियों से जब पूछताछ की गई तो सामने आया कि उन्होंने 10 अन्य खाते भी अलग-अलग ब्रांच में खुलवाए हैं, जिनमें भी साइबर ठग यह रकम वसूलते हैं.
अच्छे रिटर्न के झांसे में न आएं लोग, पुलिस ने की अपील
पुलिस ने जांच के दौरान आरोपियों द्वारा बुजुर्ग से ठगी गई 1 करोड़ 32 लाख रुपए की राशि को बुजुर्ग को वापस लौटा दिया है. इतनी मोटी रकम वापस पाने के बाद पीड़ित बुजुर्ग ने गुरुग्राम की साइबर क्राइम को धन्यवाद किया है. एसीपी प्रिंयांशु ने लोगों से अपील की है कि वह इस तरह के निवेश कर अच्छे रिटर्न देने वाले लोगों के झांसे में न आएं. इस तरह के वॉट्सएप ग्रुप ठगों के गिरोह द्वारा चलाए जाते हैं. लोगों को हर तरह से अपने झांसे में लेकर खाते में रकम ट्रांसफर कराते हैं. ऐसे ठगों से सावधान रहना चाहिए, जरा सा भी शक होने पर पुलिस से संपर्क करें.
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