दिल्ली शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मई-जून के अंत तक चार्जशीट दायर कर देगी, यानी अगले 2 महीने में आबकारी घोटाले में चार्जशीट दायर होगी. बताया जा रहा है कि चार्जशीट में ईडी एक और बड़ा कदम उठाएगी. केंद्रीय एजेंसी चाहती है कि मामले का जल्द से जल्द ट्रायल शुरू हो. इस समय केजरीवाल राजधानी की तिहाड़ जेल में बंद हैं और 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में हैं. सीएम केजरीवाल जेल से ही सरकार चला रहे हैं.
ईडी सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली शराब पॉलिसी मामले में अब गिरफ्तारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं. वहीं, आज केजरीवाल को हफ्ते में पांच लीगल विजिट मिले या नहीं इस पर फैसला होना है, लेकिन इससे पहले मंगलवार को सीएम को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा. कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी को सही ठहराया. कोर्ट ने आदेश में कहा कि केजरीवाल की गिरफ्तारी गलत नहीं है, वैध है.
अदालतें कानून के हिसाब से चलती हैं, सियासी दबाव से नहीं- HC
कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें सीएम ने ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती दी थी. उनके वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट के सामने कहा कि चुनाव से रोकने के लिए अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया. इस पर कोर्ट की टिप्पणी थी कि अदालतें कानून के हिसाब से चलती हैं, सियासी दबाव से नहीं. कोर्ट ने आगे कहा कि राजनीति का प्रभाव सरकारों पर होता है. हाईकोर्ट ने एक लंबी लकीर खींच दी, जिसमें याचिकाकर्ता को राजनीति से परे हटकर कानूनी मामले को देखने की बड़ी सलाह दी है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने क्या-क्या कहा?
- ED की जमा की गई सामग्री से पता चलता है कि केजरीवाल ने आबकारी नीति बनाने में साजिश रची और अपराध की आय का इस्तेमाल किया.
- ED ये साबित करने में सक्षम रही कि हवाला के जरिए गोवा चुनाव के लिए पैसा भेजा गया.
- ED के समन का जवाब भेजना, जांच में शामिल होना नहीं माना जा सकता.
- कोर्ट के सामने सरकारी गवाहों के बयानों और विश्वसनीयता के सवाल पर कोर्ट ने सारी दलीलों को खारिज करते हुए कहा है कि जब भी किसी सरकारी गवाह का बयान लिखा जाता है तो वो ईडी नहीं जज के सामने लिखा जाता है.
- सरकारी गवाह बनाया जाए या नहीं ये कोर्ट तय करता है. ऐसे में जब आप सरकारी गवाह पर सवाल करते हैं तो वो सवाल ईडी पर नहीं कोर्ट पर होता है.
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