महाराष्ट्र: MVA में हुआ सीटों का बंटवारा, कहां से कौन लड़ेगा?

महाविकास अघाड़ी में लोकसभा चुनाव-2024 के लिए सीटों का बंटवारा हो गया है. महाराष्ट्र में कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार गुट) और शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) वाले इस गठबंधन ने मंगलवार को ऐलान किया कि कौन कितनी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगा. सीट शेयरिंग फॉर्मूले के तहत उद्धव ठाकरे की पार्टी 21, शरद पवार का दल 10 और कांग्रेस 17 सीटों पर लड़ेगी.

संजय राउत ने बताया कि कांग्रेस नंदरबार, धुले, अकोला, अमरावती, नागपुर, बांद्र, गढ़चिरौली, चंद्रपुर, नांदेड़, जलना, मुंबई नॉर्थ सेंट्रल, पुणे, लातूर, सोलापुर,कोल्हापुर और नॉर्थ मुंबई से लड़ेगी. वहीं, शरद पवार की पार्टी बारामती, शिरपुर, सतारा, भिवंडी, वर्धा, अहमदनगर दक्षिण, भीड़, मधा, डिंडौरी, रावेर सीट पर लड़ेगी.

उद्धव ठाकरे का दल जलगांव, परभणी, नासिक, पालघर, कल्याण, ठाणे, रायगढ़, मवाल, धाराशिव, रत्नागिरी, बुलढाणा, शिरडी, संभाजीनगर, सांगली, मुंबई नॉर्थ वेस्ट, मुंबई साउथ, मुंबई नॉर्थ ईस्ट, मुंबई साउथ सेंट्रल, यवतमाल, हिंगोली और हातकणंगले सीटों पर लड़ेगा.

MVA के नेताओं ने क्या कहा?

इस दौरान उद्धव ठाकरे ने कहा कि अब किसी के मन में कोई प्रश्न नहीं बचा है. सब कुछ साफ हो गया है. इस बार मैंने नारा दिया था किसको तड़ीपार करना है. उन्होंने आगे कहा, जगहों को लेकर कुछ लोगों की महत्वकांक्षा जरूर होती है और यह गलत नहीं है लेकिन सबको यह सोचना होगा कि किससे लड़ रहे हैं.

उद्धव ठाकरे ने कहा, अब हम जल्द ही घोषणा करेंगे कि महाविकास अघाड़ी मिलकर कैसे प्रचार करेगी. वहीं, महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि जगह बंटवारे को लेकर हमने सारी मुश्किल खत्म कर दी है. राज्य और केंद्र की सरकार भ्रष्टाचार की सरकार है. सबने देखा है कि किस तरह से सोनिया गांधी को ED दफ्तर में बैठाया गया. इसका बदला जनता लेगी.

इससे पहले कांग्रेस और उद्धव में सब कुछ ठीक नहीं होने की खबर आई थी. दक्षिण मध्य मुंबई, सांगली, उत्तर पश्चिम सीट कांग्रेस किसी भी कीमत पर चाहती थी. यहां तक की बात नहीं बनी तो फ्रेंडली फाइट तक का ऑफर कांग्रेस ने दिया लेकिन उद्धव और राउत ने एक नहीं सुनी और इंकार कर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए, जबकि भिवंडी सीट एनसीपी और कांग्रेस के बीच नाराजगी की वजह बनी थी.

एमवीए नेताओ की सीट बंटवारे पर 23 बैठक मुंबई में हुई. नाराज कांग्रेस नेता दिल्ली तक आलाकमान से संपर्क कर हल निकालने में जुटे रहे लेकिन साथी दलों ने उम्मीदवार घोषित कर कांग्रेस को बैकफुट पर कर दिया.

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