‘वो लोग जो जंगल में…’, आदिवासी और वनवासी में राहुल गांधी ने बताया अंतर, BJP-RSS पर बोला हमला

लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा हाई है. जैसे-जैसे चुनाव की तारीखें नजदीक आ रही हैं, सत्ता पक्ष और विपक्ष के एक-दूसरे पर हमले भी तेज होते जा रहे हैं. सत्ता पक्ष अपने कार्यकाल की उपलब्धियां बता रहा है तो विपक्ष कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है. इसी कड़ी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र और राज्य सरकार पर हमला बोला है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी सोमवार को मध्य प्रदेश में मंडला के सिवनी पहुंचे. यहां उन्होंने एक चुनावी सभा संबोधित की. इस दौरान रोजगार व अन्य मुद्दों को लेकर केंद्र और प्रदेश सरकार पर हमला बोला. साथ ही आदिवासी और वनवासी शब्द में अंतर बताते हुए बीजेपी पर निशाना साधा.

सिर्फ 90 अफसर चलाते हैं हिंदुस्तान’

राहुल गांधी ने आदिवासी समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि देश में आदिवासियों की आबादी 8 फीसद है. जब आप हिंदुस्तान की सबसे बड़ी कंपनियों, मीडिया, कॉर्पोरेट कंपनियों के मालिकों की लिस्ट में देखेंगे तो वहां आपको एक आदिवासी नहीं मिलेगा. हिंदुस्तान को सिर्फ 90 अफसर चलाते हैं. इसमें सिर्फ 1 अफसर आदिवासी हैं.

‘BJP-RSS के लोग आपको ‘वनवासी’ कहते हैं’

कांग्रेस नेता ने आगे कहा, देश में आपकी ये भागीदारी है. कांग्रेस पार्टी आपको ‘आदिवासी’ कहती है और BJP-RSS के लोग आपको ‘वनवासी’ कहते हैं. इन शब्दों के अलग-अलग मायने हैं. राहुल ने दोनों शब्दों का अंतर बताते हुए कहा, आदिवासी शब्द का मतलब होता है- जो इस देश के पहले मालिक हैं, जिनका जल-जंगल-जमीन पर पहला आधिकार है. वहीं, वनवासी शब्द का मतलब- वो लोग जो जंगल में रहते हैं. वनवासी का मतलब आप लोगों का जल-जंगल-जमीन पर कोई आधिकार नहीं है.

‘मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी’

रोजगार के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए राहुल गांधी ने कहा कि हिंदुस्तान में 30 लाख रोजगार हैं. मगर, सरकार आपको रोजगार नहीं देती. जैसे ही कांग्रेस की सरकार आएगी, हम आपको 30 लाख रोजगार देंगे. 8 फीसद आबादी वाले समुदाय की भागीदारी 100 रुपये में 1 प्रतिशत नहीं है. मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी है.

‘BJP को जहां भी मौका मिलता है…’

उन्होंने कहा, आदिवासियों को उनका अधिकार देने के लिए हम पेसा कानून लाए. जमीन अधिग्रहण और ट्राइबल बिल लाए. इंदिरा गांधी जी और कांग्रेस की सरकारों ने आदिवासियों को उनकी जमीन वापस दी और उसका हक आपको दिया. मगर, BJP को जहां भी मौका मिलता है, आपकी जमीन छीनकर अडानी जैसे अरबपतियों के हवाले कर देती है. जब आदिवासी युवा BJP से रोजगार और शिक्षा पर सवाल करता है, तो उनको पकड़कर जेल में डाल दिया जाता है.

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