लोकसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने सत्ताधारी दल बीजेपी को लेकर बड़ा दावा किया. सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने कहा कि बीजेपी ने लाखों का भ्रष्टाचार किया है. चुनावी बॉन्ड के नाम पर घोटाला किया गया है. घाटे वाली कंपनियों ने बीजेपी को सबसे ज्यादा चुनावी चंदा दिया है.
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की वजह से ये घोटाला सामने आया. इसके लिए मैं सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद देना चाहता हूं. आप सांसद ने कहा कि 33 कंपनियों को एक लाख करोड़ का घाटा हुआ है लेकिन 450 करोड़ रुपये का चंदा बीजेपी को दिया है. वहीं, एक कंपनी अपने मुनाफे का 93 गुणा चंदा दिया. 6 कंपनियों ने बीजेपी को 600 करोड़ का चंदा दिया. 17 कंपनियों ने 0 टेक्स दिया है.
बीजेपी ने किया लाखों करोड़ों का घोटाला
संजय सिंह ने कहा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस लेट करने का कारण ये है कि भाजपा का भ्रष्टाचार खोजने में कुछ नए तथ्य सामने आ जाते हैं. कितने सुनियोजित तरीके से पर्दे के पीछे लोगों से छिपाकर बीजेपी ने लाखों करोड़ों का घोटाला किया है. इलेक्टोरल बॉन्ड के नाम पर ये घोटाला हुआ. आप सासंद ने कहा कि लाखों करोड़ों के टैक्स की छूट देकर कंपनियों को करोड़ों का टेंडर दिया गया.
संजय सिंह ने और क्या-क्या कहा?
- 33 कंपनियां ऐसी थी, जिन्हें लाखों करोड़ों का घोटाला हुआ फिर भी उन्होंने 450 करोड़ बीजेपी को दिए.
- 17 कंपनियां ऐसी हैं, जिन्होंने जीरो टैक्स दिए.
- 6 कंपनियों ने 600 करोड़ दिए.
- 1 कंपनी ने अपने मुनाफे से तीन गुना ज्यादा चंदा दिया.
- 1 कंपनी ने अपने मुनाफे से 93 गुना टैक्स दिया.
- 3 कंपनियों ने जीरो टैक्स भरा और करोड़ों का चुनावी दिया.
एयरटेल ने 200 करोड़ का चंदा दिया
संजय सिंह ने आगे कहा कि एयरटेल ने 200 करोड़ का चंदा दिया. उसे 77 करोड़ का घाटा हुआ और 8000 करोड़ की टैक्स में छूट मिली. वहीं, 130 करोड़ के घाटे वाली कंपनी DLF को 20 करोड़ की टैक्स में छूट मिली और उसने 25 करोड़ का चंदा बीजेपी को दिया. उन्होंने कहा कि एक कंपनी है धारीवाल, इसने 115 करोड़ का बॉन्ड खरीदा. BJP को 25 करोड़ दिए. कंपनी को 299 करोड़ का घाटा हुआ.
कंपनी ने जीरो टैक्स दिया.PRL डेवलपर्स ने 20 करोड़ का बॉन्ड खरीदा. 10 करोड़ बीजेपी को दिया. इसे 1550 करोड़ का घाटा हुआ. 4.7 करोड़ टैक्स में छूट मिली. वहीं, शरद रेड्डी की कंपनी ने 15 करोड़ का बॉन्ड खरीदा और बीजेपी को करोड़ों दिया. इस कंपनी को 7 सालों में 28 करोड़ का घाटा हुआ. 7 करोड़ 20 लाख टैक्स छूट मिली.
अब ED, CBI कहां है?
संजय सिंह ने कहा कि अब ED, CBI कहां है? ये कागज पर बनी कंपनी घाटे में होने के बावजूद बीजेपी को चंदा दे रही है. 2017 में चुनाव आयोग का एक नियम था कि अगर किसी कंपनी को पिछले 3 सालों में मुनाफा हुआ है तो वो उसका 7 फीसदी ही पार्टियों को चंदा दे सकते हैं. मतलब घाटे की कंपनी चंदा नहीं दे सकती. कागजों पर कंपनी बनाकर चंदा नहीं दे सकते.
हमारे मामले में तो गामा पहलवान बन जाती है ED-CBI
संजय सिंह ने आगे कहा कि हमारे मामले में तो ED, CBI गामा पहलवान बन जाती है. भाजपा के मामले में घास छिलने को रह जाती है. गजनी बन जाते हैं. कहते हैं कोर्ट जाइए. ED, CBI और इनकम टैक्स जनता के पैसों से चलती है.
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