अगर आप भी PPF में निवेश करते हैं तो आपके लिए 5 अप्रैल की तारीख बहुत ही अहम है. दरअसल, वित्त वर्ष 2025-25 की शुरुआत हो चुकी है. ऐसे में अगर आप इस फाइनेंशियल ईयर के लिए फाइनेंशियल और टैक्स प्लानिंग करना चाहते हैं तो समय आपके लिए काफी महत्वपूर्ण है. टैक्स बचाने के लिए वैसे तो बाजार में कई विअकल्प मौजूद हैं, लेकिन PPF को आज भी सेफ इंवेस्टमेंट के तौर पर देखा जाता है. पीपीएफ एक ऐसी स्कीम है, जिसमें आपको टैक्स सेविंग के साथ ही तगड़े ब्याज दर का लाभ भी मिलता है. पीपीएफ स्कीम में 5 अप्रैल की तारीख बहुत अहम है. अगर आप 5 अप्रैल की तारीख को मिस करते हैं तो आपको लाखों का नुकसान हो सकता है. आइए बताते हैं कैसे…
5 अप्रैल क्यों है जरुरी?
अगर आप हर वित्त वर्ष की शुरुआत में 5 अप्रैल तक एकमुश्त पीपीएफ स्कीम में पैसे निवेश करते हैं तो आपको सबसे अधिक ब्याज दर का लाभ मिलता है. पीपीएफ खाते में हर महीने की 5 तारीख के हिसाब से ब्याज का कैलकुलेशन होता है. ऐसे में अगर आप हर वित्त वर्ष की शुरुआत के 5 अप्रैल तक एकमुश्त राशि जमा कर देते हैं तो आपको पूरे महीने के ब्याज का फायदा मिल जाएगा.
ब्याज का कैलकुलेशन
पीपीएफ खाते में सरकार जमा राशि पर 7.1 फीसदी की दर से ब्याज का लाभ दे रही है. अगर कोई व्यक्ति हर महीने की 5 तारीख तक निवेश करता तो उसे जमा राशि पर पूरे ब्याज का लाभ मिलता है. वहीं, 5 तारीख के बाद निवेश करने पर आपको 5 से लेकर 30 तारीख के बीच सबसे कम बैलेंस पर ही आपको ब्याज का लाभ मिलेगा. ऐसे में आपको उस महीने ब्याज का नुकसान हो सकता है.
ऐसे समझें गणित
पीपीएफ कैलकुलेटर के अनुसार, अगर आप इस वित्त वर्ष में 5 अप्रैल तक एकमुश्त 1.50 लाख रुपये तक निवेश करते हैं और यह निवेश आप 15 साल तक जारी रखते हैं तो आपको 15 साल में जमा राशि पर कुल 18.18 लाख रुपये ब्याज के रूप में मिलेगा. वहीं, अगर आप हर महीने 5 तारीख के बाद पीपीएफ में निवेश करते हैं तो आपको केवल 17.95 लाख रुपये ही ब्याज मिलेगा. ऐसे में आपको 23,188 रुपये ब्याज का नुकसान 15 सालों में हो जाएगा.
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