कभी डूबती एपल कंपनी को बिल गेट्स ने लगाया था किनारे, अब माइक्रोसॉफ्ट से दोगुना है रेवेन्यू

 एपल आज के समय में बेशन दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक हो, लेकिन एक समय ऐसा भी था. जब आईफोन बनाने वाली कंपनी एपल दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गई थी. इस समय माइक्रोसॉफ्ट के फाउंडर बिल गेट्स उनके लिए रहनुमा बनकर आए थे और उन्होंने एपल में 15 करोड़ डॉलर का निवेश किया. जिसके बाद एपल ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और दिन दूनी रात चौगुनी सफलता हासिल करती गई.

आज हम आपको एपल और माइक्रोसॉफ्ट की शुरुआत की कहानी बताने जा रहे हैं, जिसमें आपको बताएंगे कि आखिर किस वजह से बिल गेट्स ने एपल की मदद की और बाद में दोनों कंपनियों ने मिलकर इतिहास रचा. साथ ही यहां आपको बताएंगे कि स्टीव जॉब्स ने एपल को सफल बनाने से पहले इसे किस वजह से छोडा था और उनकी एपल में फिर कितने सालों के बाद वापसी हुई थी.

1 और 4 अप्रैल को हुई थी दोनों कंपनी की शुरुआत

इसी हफ्ते माइक्रोसॉफ्ट और एपल कंपनी की स्थापना हुई थी 1 अप्रैल 1976 को स्टीव जॉब्स, स्टीव वोज्नियाक और रोनाल्ड वेन ने एपल की शुरुआत की थी. वहीं बिल गेट्स और स्टीव बॉल्मर ने 4 अप्रैल 1975 को माइक्रोसॉफ्ट की नींव रखी थी. आइए जानते हैं इन कंपनियों से जुड़ी रोचक कहानियां.

बस बेचकर शुरू की एपल कंपनी

एपल कंपनी के फाउंड मेंबर्स में से एक स्टीव जॉब्स थे, उन्होंने एपल की शुरुआत में अपनी बस बेचकर पैसे जुटाए थे. इस पैसे से उन्होंने एपल कंपनी का पहला प्रोडक्ट एक हैंड बिल्ड कम्प्यूटर बनाया था, जिसका नाम एपल 1 था. कंपनी का यह प्रोडक्ट बढ़ा सक्सेसफुल भी रहा था. हालांकि 12 दिन बाद संस्थापकों में से एक वेन कंपनी से बाहर हो गए एपल 1 के बाद एपल तेजी से चढ़ने लगी. कंपनी पब्लिक हुई, लेकिन 1985 में एपल के सीईओ जॉन स्कली से विवाद के बाद स्टीव जॉब्स ने कंपनी छोड़ दी.

11 साल बाद स्टीव की हुई वापसी

स्टीव जॉब्स के जाने के बाद एपल नुकसान में जाने लगी और एपल प्रोडक्ट्स मार्केट में बुरी तरह परफॉर्म करने लगे. लगातार हो रहे नुकसान को देखते हुए मैनेजमेंट ने 1996 में स्टीव जॉब्स की नई कंपनी खरीदी, जिससे जॉब्स की एपल में वापसी हुई जॉब्स ने वापस आकर कई बदलाव किए और एपल की वेबसाइट लॉन्च की. 2007 में आईफोन लॉन्च हुआ, जिसने कंपनी की किस्मत बदल दी. आज आईफोन दुनिया का सबसे ज्यादा बिकने वाला फोन है. इसके कारण कंपनी का रेवेन्यू आसमान छू रहा है.

1997 में दिवालिया होने वाली थी एपल

एपल ने स्टीव जॉब्स की गैरमौजूदगी में बहुत बुरा दौर भी देखा है. एक समय ऐसा था जब 1997 में एपल दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गई. तब स्टीव जॉब्स को कंपनी में दोबारा बुलाकर इस कंपनी को घाटे से उभारा. स्टीव जॉब्स ने एपल में वापसी करते हुए अपने स्कूल के दोस्त बिल गेट्स से मदद मांगी. जिसके बाद गेट्स ने एपल में 15 करोड़ डॉलर का निवेश किया और डूबते हुए एपल का उभारा.

टाइम मैग्जीन ने दोनों की दोस्ती की सराहना की

उस समय टाइम मैग्जीन ने अपने कवर पेज पर स्टीव जॉब्स और बिल गेट्स को जगह दी. जिसमें मैग्जीन ने दोनों की फोटो अपने कवर पर लगाई, जिसमें जॉब्स फोन पर गेट्स को थैंक यू बोलते हुए दिखाए गए थे. इसके बाद दोनों ने साथ काम करने का फैसला लिया और माइक्रोसॉफ्ट ने मैक के लिए और एपल ने विंडोज के लिए कई प्रोडक्ट्स को लॉन्च किया.

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