छत्तीसगढ़ में शराबियों को बड़ा झटका, आज से महंगी हुई शराब, जानिए नई रेट लिस्ट

रायपुर (सत्येंद्र शर्मा): 31 मार्च को फाइनेंशियल ईयर खत्म होने के साथ अब आम आदमी के लिए नए बदलाव देश में देखे जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में भी इन बदलावों का बड़ा असर देखा जाएगा। प्रदेश में सबसे बड़ा झटका शराब प्रेमियों को लगा है। फाइनेंशियल ईयर खत्म होने के साथ-साथ आज से यानि 1 अप्रैल से शराब के भी दाम बढ़ जाएंगे। स्थानीय स्तर पर शराब के दाम बढ़ाए जा रहे हैं। देसी शराब में प्रति पाव 10 रुपए की वृद्धि हुई है अंग्रेजी शराब के दाम में 20 से 300 रुपए तक की बढ़ोतरी होगी।

अब इतनी होगी देशी शराब की कीमत

वर्ष 2024-25 के लिए देशी मदिरा मसाला और प्लेन के लिए फुटकर विक्रय दर तय की गई है।

नई दर पैक साइज कीमत पुरानी दर

मसाला  750 एमएल 440 – 380
प्लेन  375 एमएल 220 – 200
मसाला  180 एमएल 110 – 110

सरकार ने जमीन की सरकारी गाइडलाइन दरों में 30% की छूट 31 मार्च को खत्म कर दी है। आज 1 अप्रैल से जमीन की कीमतें बढ़ेगी कलेक्टर गाइडलाइन में दी जा रही 30% की छूट को इस साल खत्म कर दिया गया है। जमीन की कीमत बढ़ने से अब मार्केट रेट बढ़ेगा और अब मकान डुप्लेक्स बंगले और फ्लैट की कीमत भी कीमतें भी बढ़ जाएंगी। कांग्रेस सरकार ने कलेक्टर गाइडलाइन में 30 परसेंट की छूट देने का फैसला 25 जुलाई 2019 को किया था लेकिन प्रदेश की भाजपा सरकार अब इसे आगे जारी नहीं रखेगी। इसे लेकर प्रदेश के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि 30% की छूट की वजह से प्रदेश के किसानों को नुकसान हो रहा था और कांग्रेस सरकार ने भू माफिया को फायदा पहुंचाने के लिए जो 30 परसेंट की कमी की थी बस उसको आज से खत्म कर दिया जाएगा और इसे ध्यान में रखते हुए खत्म किया जा रहा है। विभाग के अधिकारी ने बताया कि इससे राज्य के राजस्व बढ़ जाएगा। भाजपा सरकार का फोकस राजस्व बढ़ाने की और है।

वही जमीन में 30 परसेंट वाली छूट खत्म करने पर पीसीसी चीफ दीपक बैज ने भाजपा सरकार पर तंज कसा है और ट्वीट कर कहा है कि आज 1 अप्रैल है , यानी कि अप्रैल फूल दिवस आज लोगों को मूर्ख बनाने की परंपरा है। आज छत्तीसगढ़ की जनता भी खुद को भाजपा से थका हुआ महसूस कर रही है। आज से छत्तीसगढ़ में जमीनों की राष्ट्रीय पर ज्यादा टैक्स देना होगा। शराब बंदी की बात करने वाली भाजपा की साय सरकार आज से शराब के दामों में ₹150 से अधिक वसूली करेगी रेट के दाम भी तीन गुना अधिक हो गए हैं। राइस मिलों से ₹40 नजराना वसूला जा रहा है।

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