कुख्यात गैंगस्टर मुख्तार अंसारी गाजीपुर के कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक होगा. यहां के मोहम्मदाबाद इलाके के कालीबाग में मुख्तार अंसारी की कब्र खोदी गई है. कब्र खोदने वालों में मुख्तार के बचपन के दोस्त हैं. पिता के कब्र के ठीक सामने मुख्तार अंसारी की कब्र खोदी गई है. मुख्तार अंसारी की इच्छा थी कि उसे अपने बुजुर्गों के पास ही दफनाया जाए.
कब्र खोदने वालों में मुख्तार के बचपन के दोस्त गिरधारी और संजय हैं. गिरधारी बताते हैं कि कल यानी गुरुवार शाम को 6 बजे का वक्त रहा होगा जब हमें यह पता चला कि विधायक जी की तबीयत खराब हो गई है. उसके बाद से ही मन बहुत परेशान हो गया. रात में 9 बजे इस बात की खबर आई कि विधायक जी हमारे बीच नहीं रहे. यह बोलते-बोलते गिरधारी का गला बंद जाता है और वह चाह कर भी कुछ बोल नहीं पाते.
गिरधारी मुख्तार अंसारी के बचपन के दोस्त हैं और मुख्तार अंसारी के जमीन पर ही गिरधारी का मकान बना हुआ है. गिरधारी बताते हैं कि मुख्तार उनके लिए सब कुछ थे, लेकिन आज जब वह खुद नहीं रहे हैं तो अपनी हाथों से ही मुख्तार की कब्र खोद रहे हैं. शायद सपने में भी नहीं सोचा होगा कि ऐसा भी कोई दिन आएगा.
कहां खुद रही है कब्र
गाजीपुर के मोहम्मदाबाद इलाके के काली बाग में मुख्तार अंसारी का कब्र खोदी जा रही है. दरअसल यह वो जगह है जिसे मुख्तार अंसारी के परिवार का पुश्तैनी कब्रगाह बोला जाता है. इसी जगह पर उसके पिताजी सुबहानल्लाह अंसारी की भी कब्र है. उसके ठीक बगल में उसके माता जी की कब्र है. यहीं पर उसके दादा और परदादाओं की कब्र है.
क्यों इसे कहा जाता है कालीबाग
दरअसल काली बाग में बहुत सारे पेड़ हैं और यहां काफी छाया होती थी जिसकी वजह से दिन में भी अंधेरा नजर आता था. यही वजह है कि इस कब्रिस्तान को कालीबाग बोला जाता है.
पिता के पास दफनाया जाए
मुख्तार अंसारी की इच्छा थी कि मौत के बाद उसे अपने बुजुर्गों के पास ही दफनाया जाए. मुख्तार अंसारी ने अपनी इच्छा जताई थी कि मुझे अपने पिताजी के पास दफनाया जाए. दरअसल उसके पिताजी की भी एक राजनीतिक पृष्ठभूमि थी. वह इस इलाके में काफी नामी गिरामी शख्सियत थे. पिता की कब्र के ठीक सामने मुख्तार अंसारी की कब्र खोदा जा रही है.
मुझे जमीन दी मेरा घर बसाया…
कब्र खोदने वाले मजदूर संजय बताते हैं कि उनके पास अपनी कोई जमीन नहीं थी. मुख्तार अंसारी ने उनको अपनी जमीन दी और उसी जमीन पर संजय रहते हैं. संजय की जिंदगी की बहुत सारी जरूरत को मुख्तार अंसारी ने समय रहते पूरा किया है. संजय बताते हैं कि बचपन से मुख्तार अंसारी ने उनके लिए बहुत कुछ किया है. इतना कुछ जिसको शब्दों में बयां करना मुश्किल है शायद. यही वजह है कि आज जब मुख्तार अंसारी की वह कब्र खोद रहे हैं तो उनके आंखों में आंसू आ जाते हैं.
विधायक जी के लिए बड़ी कब्र
संजय बताते हैं कि विधायक जी का कद अच्छा खासा है. इस चीज को ध्यान में रखते हुए कब्र खोदी जा रही है. उन्होंने कहा कि 7 फीट की लंबाई कब्र की रखी गई है. इसके साथ ही 5 फीट चौड़ाई रखी गई है और 5.5 फीट की गहराई रखी गई है. संजय बताते हैं कि विधायक जी को मैंने बचपन से देखा है. कद काठी में वह काफी लंबे हैं. उनके शारीरिक संरचना को ध्यान में रखते हुए यह कब्र खोदी जा रही है.
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