सतना। नागौद थाना क्षेत्र में सितपुरा के पास एक ढाबे में 3 वर्ष पूर्व हुई एक सनसनीखेज वारदात में गोली मारकर दो महिलाओं की हत्या कर देने के मामले में अदालत ने गत दिवस तीन अभियुक्तों को दोहरे आजीवन कारावास और 2 अभियुक्तों को 5- 5 वर्ष कैद की सजा सुनाई है। अदालत ने अभियुक्तों पर सवा 6 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया है।
प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश नागौद सचिन शर्मा ने 6-7 जून 2019 की दरमियानी रात नागौद रोड पर सितपुरा स्थित बाबा ढाबा में हुई ढाबा संचालक अंगद प्रसाद जोशी की दो पत्नियों माया जोशी एवं चंपा जोशी की हत्या की सनसनीखेज वारदात को अंजाम देने वाले 7 में से 5 आरोपियों को दोषी करार दिया है। अदालत नेअभियुक्त पवन उर्फ पुण्यप्रताप सिंह को दोहरा आजीवन कारावास एवं 1 लाख रुपए जुर्माना, 12 वर्ष एवं 50 हजार रुपए जुर्माना, आरोपी उज्जवल गुप्ता और आरोप बन्टी उर्फ शिवांशु त्रिपाठी को दोहरा आजीवन कारावास व 1 लाख रुपए जुर्माना और 12 वर्ष एवं 50 हजार रुपये अर्थदण्ड, आयुध अधिनियम में 3 वर्ष कारावास और 25 हजार रुपये अर्थदंड और आयुध अधिनियम 1959 में 5 वर्ष कारावास और 25 हजार के अर्थदण्ड से दंडित किया है।
इसी मामले के आरोपी श्याम बिहारी मिश्र और आरोपी शुभम मिश्रा को 5- 5 वर्ष कारावास व 25- 25 हजार रुपए अर्थदण्ड, आयुध अधिनियम 1959 में 3-3 वर्ष कारावास व 10- 10 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया है। प्रकरण में राज्य शासन की तरफ से विशेष लोक अभियोजक विनोद प्रताप सिंह ने पैरवी की।
ये है पूरा मामला
सहायक अभियोजन प्रवक्ता ने बताया कि अंगद प्रसाद जोशी के पास बाबा ढाबा संचालित करता था। विगत 6- 7 जून 2019 की दरम्यानी रात वह बाहर तखत पर सोया हुआ था जबकि उसकी दोनों पत्नियां चंपा व माया ढाबा के अंदर सोई हुई थी। रात तकरीबन 1:30 बजे ग्राम पटना का रामनरेश पांडे वहां आकर गाली गलौज करते हुए धमकाने लगा। रामनरेश से अंगद का जमीनी विवाद था। कुछ देर बाद रामनरेश वहां से चला गया। लगभग 1 घंटे बाद पवन सिंह, बंटी त्रिपाठी और उज्जवल गुप्ता बाइक से वहां पहुंचे। वे अक्सर ढाबा में आते जाते रहते थे।
आरोपितों ने अंगद को उठा कर उससे गांजा की पुड़िया देने को कहा लेकिन जब अंगद ने इंकार कर दिया तो वे गाली गलौज करते हुए जान से खत्म कर देने की बात कहने लगे। इसी बीच बंटी त्रिपाठी ने कट्टा निकालकर हत्या करने की नीयत से अंगद पर फायर कर दिया। गोली अंगद के सीने के नीचे लगी और वह लहूलुहान हो कर गिर पड़ा।
शोर सुनकर अंदर सो रही अंगद की पहली पत्नी चंपा देवी दरवाजा खोलकर बाहर निकली तो उसे भी बंटी त्रिपाठी ने गोली मार दी। चंपा वहीं दरवाजे के सामने गिरी और उसकी मौत हो गई। यह सब देख सुन कर दूसरी पत्नी माया ने भी शोर मचाते हुए भागने की कोशिश की तो उज्ज्वल ने उसका पीछा करते हुए उसे भी गोली मारने के लिए कहना शुरू कर दिया। तभी पवन सिंह ने कट्टा निकाल कर जान बचा कर भाग रही माया को ढाबे में कुछ दूरी पर स्थित शनि मंदिर के पास गोली मार दी जिससे उसकी भी मौत हो गई।
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