राष्ट्र चंडिका न्यूज़,सिवनी ,रंग, गुलाल और अबीर से एक- दूसरे को सराबोर करने की होड़ और होली के गीतों की मस्ती के साथ रंगों का त्योहार होली सोमवार को सिवनी में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। क्या अमीर, क्या गरीब सभी एक ही रंग में नजर रहे थे। हर तरफ होली की धूम थी। बच्चे, बूढ़े,जवान सभी होली की मस्ती में थे।
हर तरफ होली की मस्ती छायी हुई है. क्या बुढ़े क्या बच्चे होली के रंग में डूबे हुए हैं. ऐसे में राजनेता भी कहां पीछे रहने वाले हैं.
जहां एक तरफ आज पूरे देश में रंगों का पर्व होली का त्योहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया जा रहा है, लोग एक दूसरे को अबीर गुलाल और रंग लगा करके होली खेल रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ सिवनी जिले में भी आज बड़ी ही धूमधाम से सुबह से ही लोगों द्वारा होली मनाया जा रहा है। अलग-अलग जगह पर लोगों ने होली के गानों भी लगा रखा है और होली के गानों पर जमकर नाचते गाते हुए होली का त्यौहार बड़ी ही धूमधाम से मना रहे हैं। सिवनी में धूमधाम से होली का त्योहार मनाया गया. इस दिन कॉलोनियों से लेकर सड़कों तक पर होली की मस्ती दिखी, बच्चे, बूढ़े, जवान सभी होली की मस्ती में डूबे हुए थे.
देशभर में धूमधाम आज होली का त्यौहार मनाया जा रहा है। इसी कड़ी में मध्यप्रदेश सिवनी में भी इसकी धूम देखने को मिल रही है। जिसकी मस्ती सिवनी में रविवार की रात को होलीका दहन किया गया। इसके बाद सोमवार 25 मार्च को होली धुलेंडी का त्योहार मनाया जा रहा है। इस दौरान लोग एक- दूसरे को रंग, गुलाल लगाकर बधाई दे रहे हैं। बता दें कि जिले में होली का त्योहार पांच दिनों तक मनाया जाता है। जिसकी शुरूआत होलिका दहन से होती है जिसका समापन रंग पंचमी के दिन होता है।
पुलिस की कड़ी व्यवस्था
होली के त्योहार में असामाजिक तत्वों द्वारा किए जाने वाले उपद्रव व अपमान को रोकने के लिए जिला पुलिस अधीक्षक ने सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की है। इससे समाज में सभी लोग सुरक्षित महसूस करते हैं और होली का उत्सव धमाकेदार तरीके से मनाया जा सकता है। बता दें कि लोग सुबह से ही होली का त्योहार अपनी पारंपरिक रीति और अनुष्ठानों के साथ मना रहे हैं। होली एक रंगों भरी और खुशी का त्योहार है जो समाज में उत्साह और भाईचारे का भाव फैलाता है।
होली धुलेंडी का त्योहार भी इस त्योहार का महत्वपूर्ण अंग है, जो लोगों को एक-दूसरे के साथ खुशी और प्रेम के संदेश भेजने का एक अच्छा मौका देता है।
होली धुलेंडी एक प्रसिद्ध होली का रूप है, जिसे भारत और दुनिया भर में मनाया जाता है। यह एक खुशी और उत्साह का त्योहार है, जो वसंत ऋतु की शुरुआत का संकेत देता है। इस त्योहार में लोग एक दूसरे के साथ खेलते हैं, रंग फेंकते हैं और आपस में गुलाल लगाते हैं। धुलेंडी का मतलब होता है “रंगों का झरना” जिससे समझा जाता है कि इस त्योहार में रंग उत्सव की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। होली धुलेंडी के दौरान, लोग एक दूसरे के साथ गुलाल लगाते हैं, जो अपने रंगों में बहुत खूबसूरत होते हैं। यह त्योहार लोगों को आपसी मीठा-मीठा गुलाल लगाने और सबसे प्यारे लोगों को बधाई देने का मौका देता है। धुलेंडी के दौरान लोग एक दूसरे के साथ मिलते हैं और एक-दूसरे के साथ खुशी, प्रेम और भाईचारे का संदेश भेजते हैं।
होली का त्योहार हिंदू धर्म का पवित्र और मुख्य त्योहारों में से एक है। होली हम सब मनाते हैं। होली का त्योहार रंगों का त्योहार है जो वसंत ऋतु में मनाया जाता है। होली का त्योहार होली की रात्रि से एक दिन पूर्व आरंभ हो जाता है। लोग अपने-अपने गाँवों, मुहल्लों में उपलों, लकड़ियों का ढेर इकट्ठा करते हैं। फिर शुभ घड़ी में इस ढेर यानी होलिका में अग्नि प्रज्वलित की जाती है। इसी अग्नि में लोग नए अनाज (गेहूँ, जौ आदि) की बालें भूनकर अपने आराध्य को अर्पित करते हैं। दहन का अगला दिन रंग-भरी होली का होता है। इसे धुलैंडी भी कहते हैं। इस दिन सभी धर्म और जाति के छोटे-बड़े, बच्चे-बूढ़े, स्त्री-पुरुष एक-दूसरे को गुलाल लगाते हैं और रंग डालते हैं। सड़कों पर मस्त युवकों की टोलियाँ गाती-बजाती निकलती हैं। एक-दूसरे को मिठाइयाँ खिलाते हैं और अपने मधुर संबंधों को और भी प्रगाढ़ बनाते हैं।