राष्ट्र चंडिका न्यूज़ सिवनी, आईपीएल का आगाज होने के साथ ही जिले में सट्टा काराबार भी एक्टिव मोड में आ गया है। इसकी गिरफ्त में आकर युवा वर्ग बर्बाद हो रहे हैं।
शहर से लेकर गांव तक इस तरह के खेल शुरू हो गए हैं पर इसकी भनक पुलिस को नहीं है। सट्टेबाजों के जाल में युवा वर्ग फंस रहा है। हजारों रुपए दांव पर लगाने के लिए सेटिंग हो रही है। आईपीएल महाकुम्भ के साथ किक्रेट सट्टा बाजार भी सक्रिय हो गया है, किक्रेट मैच की शुरूआत के साथ ही शहर के सटोरियों ने भी अपनी सट्टे कारोबार की बिसात बिछा ली है। शहर में ऑनलाइन फोन पर सट्टे का कारोबार शुरू हो गया है। इन सभी से निपटने के लिए पुलिस ने भी साइबर सेल को सक्रिय किया हैै, शहर के बुकी अपने-अपने ठिकानों पर पहुंच गए और टेबलों पर लेपटॉप और मोबाइल भी जमा दिए है। वैसे तो यह बुकी आम दिनों में शहर की सडक़ों पर लक्जरी कारों में घुमते है। लेकिन आईपीएल शुरू होते ही यह सभी अपने-अपने ठिकानों पर जाकर बैठ जाते है और वहीं से लाखों की बोलियां लगाना शुरू करते है। सूत्रों से मिली जानकरी के अनुसार इन बुकियों द्वारा शहर भर के छोटे-बड़े करीब 50 से 70 सटोरियों को मोबाइल फोने में आईडी दे दी जाती है। जिसके बाद आईपीएल की काली दुनियां की शुरूआत होती है, अब आईपीएल का शौकिन मैच पर दाव लगाने के लिए इस आईडी में हजारों रूपए भी ट्रांसफ र करता है। जिससें की वह मैच पर बोली लगा सकें। सूत्रों की माने तो जितने सटोरियों द्वारा आईपीएल पर दांव लगाएं जाते है। उनमें से अधिकतक मध्यमवर्गीय परिवार के हैए बाकि जो बचते हैए वह सभी काली दुनियां की काली कमाई से ऐशो आराम की जिदंगी बीता रहे हैं।
मैच शुरू होते ही सटोरिये मोबाइल से संपर्क साधते हुए दांव लगना शुरू कर देते हैं। इनके जाल में फंस युवा बर्बाद हो रहे हैं। पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए सेपरेट घरों में सट्टेबाज पूरा सिस्टम तैयार कर लिए हैं। मैच शुरू होने से लेकर खत्म होने तक अलग-अलग भाव टीमों पर लगाए जाते हैं।
हाईटेक हो गए सट्टेबाज
पहले सट्टेबाज सट्टे की पर्ची देते थे, लेकिन अब वे भी हाईटेक हो गए हैं। वे अब मोबाइल और लैपटॉप से सट्टे के नंबर लगाने के साथ ही ऑनलाइन सट्टा लगाने लगे हैं। साथ ही सट्टा लगाने वालों को पर्ची देना भी अब बंद कर दिया है। सीधा सोशल मीडिया पर ही नंबर लिख रहे हैं, ताकि पुलिस की पकड़ में न आएं। इसके साथ ही अन्य नई तकनीकी से सट्टा खिलाया जा रहा है। बड़े शहरों में बैठे बुकी छोटे-छोटे गांव व शहरों में अपनी लाइन्स देते हैं। ये लाइन्स विशेष आईडी पासवर्ड से खुलती हैं। साथ-साथ नए तरीकों में ये बुकी एप व विशेष वेबसाइटों द्वारा भी इस कारोबार को संचालित करते है।
10 हजार से शुरूआत, लाखों तक बोली
जानकारी में सामने आया है आईडी के माध्यम से यह बुकी शुरूआती बोली कम से कम 10 हजार की बोली लगाते हैए जिसके बाद धीरे-धीरे कर यह बोली लाखों तक पहुंच जाती है। बुकियों द्वारा लगाई जाने वाली बोली नीचे में तो 10 हजार है, लेकिन ऊपर में कितनी हैए इसका अंदाजा कोई नहीं लगा सकता है। आपको बता दे कि बुकियों द्वारा जिस आइडी का उपयोग किया जाता ह, साथ ही जो आईडी सटोरियों को दी जाती हैए उस आईडी में जब तक बैलेंस होता है। तब तक ही यह लोग मैच पर बोली लगा सकते है, उसके बाद फि र आईडी अकाउंट में रूपए डालते होते है। यानिं की कुल मिलाकर आईडी पर काली दुनियां का खेल संचालित होता है।
सेशन के अनुसार बोली
सूत्रों की माने तो बुकियों द्वारा 6, 10, 15 और 20 ओवर में हजारों रूपए की बोली लगाई जाती है, यह हजारों की बोली बुकी छुटपुट सटोरियों के लिए लगाई जाती है, लेकिन बुकियों द्वारा इन्हीं ओवर और मैच में लाखों की बोलियां लगाई जाती है।
क्रिकेट सट्टे के अवैध कारोबार में लाखों की कमाई के लालच सिवनी में पुलिस की ‘सुस्ती’ के चलते इस बार आईपीएल को लेकर कई नए सटोरिए भी मैदान में उतर आए हैं। हालांकि पुराने सटोरियों की अंदर तक पहुंच के चलते नए छोटे सटोरिए पर ही पुलिस की ज्यादा नजर रहती है,जिस पर उन्हें मैच की पल-पल की जानकारी टीवी पर प्रसारण से करीब 40 सैकंड पहले मिल जाती है। इसी आधार पर खाईवाल बड़े सटोरिए मोटी कमाई कर रहे हैं।
आईपीएल महाकुम्भ के साथ किक्रेट सट्टा बाजार भी सक्रिय हो गया है, किक्रेट मैच की शुरूआत के साथ ही शहर के सटोरियों ने भी अपनी सट्टे कारोबार की बिसात बिछा ली है। शहर में ऑनलाइन फोन पर सट्टे का कारोबार शुरू हो गया है तो वहीं , पुलिस सुस्त है एवं क्रिकेट सटोरिए सक्रिय हैं तो वहीं सिवनी शहर में भी आईपीएल क्रिकेट मैच में सट्टे को लेकर सटोरिए सक्रिय हो गए हैं। रोजाना लाखों के कारोबार को बेखौफ होकर अंजाम दिया जा रहा है, लेकिन पुलिस मौन बनी हुई है, जिससे इस कारोबार में पुलिस की सांठगांठ की बू आ रही है।आईपीएल मैचों पर छोटे कस्बों में भी सट्टा लग रहा है, जबकि पहले सट्टा महानगरों में ही लगाया जाता था। सट्टेबाजी के अवैध कारोबार ने अब अपनी गिरफ्त में कस्बों को भी ले लिया है।
आईपीएल शुरू, 50 से अधिक सटोरिये सक्रिय, पुलिस को 1 का भी पता नहीं -सिवनी में करीब 50 से 55 सटोरिए सक्रिय हो गए हैं। सट्टे में प्रयुक्त होने वाले उपकरण रिपेयर हो गए हैं, सैकड़ों नई सिमें जारी हो गई हैं। इधर, सिवनी पुलिस है कि सबकुछ जानते हुए एकदम बेखबर बनी हुई है। ऐसे में पुलिस की मुखबरी बीट कांस्टेबल व्यवस्था पर भी सवालिया निशान खड़े होने लगे हैं।
क्रिकेट सट्टे के अवैध कारोबार में लाखों की कमाई के लालच सिवनी में पुलिस की ‘सुस्ती’ के चलते इस बार आईपीएल को लेकर कई नए सटोरिए भी मैदान में उतर आए हैं। हालांकि पुराने सटोरियों की अंदर तक पहुंच के चलते नए छोटे सटोरिए पर ही पुलिस की ज्यादा नजर रहती है। इन सट्टेबाजों के पास सट्टे के कारोबार से संबंधित मोबाइल है, जिस पर उन्हें मैच की पल-पल की जानकारी टीवी पर प्रसारण से करीब 40 सैकंड पहले मिल जाती है। इसी आधार पर खाईवाल बड़े सटोरिए मोटी कमाई कर रहे हैं।
सटोरियों के बनीं है स्पेशल अटैचियां
क्रिकेटसट्टे के लिए सटोरियों के स्पेशल अटैचियां बनी होती है, जिसमें 10 से 50 मोबाइल तक फिट होते हैं। इनके साथ एक माइक अटैच होता है, जिससे सटोरिए एक ही समय में सभी कॉल अटैंड कर सकते हैं और उन्हें भाव बता सकते हैं। सटोरियों के इनकमिंग कॉल का पैसा नहीं लगता और सट्टा लगाने वाले सस्ता प्लान लेकर कई घंटों तक मोबाइल पर पल-पल का भाव जानते रहते हैं। ऐसे में अलग-अलग नामों से दर्जनों नई सिमें भी खरीदी गई है।
शहर में चर्चा, बीट कांस्टेबल अफसर बेखबर!
सटोरियोंकी माने तो पुलिस से कुछ भी छिपा हुआ नहीं है। कहने को तो यह अवैध कारोबार चोरी-छुपे चालाकी से होता है, लेकिन पुलिस को इसकी कच्ची-पक्की जानकारी जरूर रहती है। लेकिन, अब तक हुए मैचों में सट्टे को लेकर कोई बड़ी कार्रवाई नहीं होने से यही माना जा रहा है कि मोहल्लों से संबंधित कांस्टेबल पुलिस के आला अफसर सट्टे के अवैध कारोबार से बेखबर है। यही वजह है कि गुमराह युवाओं की गाढ़ी कमाई सट्टे की भेंट चढ़ रही है। पुलिस ने अपने कांस्टेबलों के अलावा शहर में कुछ मुखबीर भी छोड़ रखे हैं, जो गुप्त रूप से सट्टा का कारोबार करने वालों की सूचना देते रहते हैं। उल्लेखनीय है कि सट्टा कारोबार के जाल में फंस कर शहर में दर्जनों युवक बर्बाद हो चुके हैं तो अनेक युवक अपने घर के जेवरात जमीन जायदाद तक दांव पर लगा चुके हैं। कई युवक कर्जदार बनकर भी घूम रहे हैं। पुलिस अधिकारियों के नेतृत्व में टीम गठित कर कार्रवाई करते हैं तो शहर में दर्जनों सटोरिए पुलिस की गिरफ्त में सकते हैं।